हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा के लिए हिदायतें
विषय-सूची
1. इस डॉक्यूमेंट में दी हिदायतों से उन सभी को मदद मिलेगी जो हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा में भाग लेते हैं। उन्हें अपना भाग तैयार करने से पहले हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा—सभा पुस्तिका में और इस डॉक्यूमेंट में उस भाग के लिए दिए गए निर्देशों को देख लेना चाहिए। सभी प्रचारकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए कि वे विद्यार्थी भाग पेश करने के लिए आगे आएँ। ऐसे लोग भी विद्यार्थी भाग पेश कर सकते हैं जो प्रचारक नहीं हैं मगर लगातार सभाओं में आते हैं, बाइबल की शिक्षाओं से सहमत हैं और मसीही सिद्धांतों के मुताबिक जीते हैं। अगर ऐसा कोई व्यक्ति इस सभा में भाग लेना चाहता है, तो मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा निगरान को उसके साथ चर्चा करनी चाहिए कि विद्यार्थी बनने के लिए क्या योग्यताएँ होनी चाहिए। फिर उसे बताना चाहिए कि क्या वह विद्यार्थी बन सकता है या नहीं। ऐसा बाइबल अध्ययन चलानेवाले (या विश्वासी माता-पिता) की मौजूदगी में करना चाहिए। इसके लिए योग्यताएँ वही हैं जो बपतिस्मा-रहित प्रचारक बनने के लिए होती हैं।—od-HI अध्या. 8 पैरा. 8.
सभा की एक झलक
2. एक मिनट। हर हफ्ते शुरूआती गीत और प्रार्थना के बाद मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा का चेयरमैन सबकी दिलचस्पी जगाने के लिए कार्यक्रम की एक झलक देगा। उसे उन मुद्दों पर ध्यान खींचना चाहिए जिनसे मंडली को सबसे ज़्यादा फायदा होगा।
पाएँ बाइबल का खज़ाना
3. भाषण: दस मिनट। सभा पुस्तिका में इस भाषण के लिए एक विषय दिया होता है और दो-तीन खास मुद्दे दिए होते हैं। यह भाग किसी प्राचीन या काबिल सहायक सेवक को दिया जाना चाहिए। जिस हफ्ते बाइबल की कोई नयी किताब शुरू होती है, उस हफ्ते उस किताब का परिचय देनेवाला वीडियो दिखाया जाएगा। इस भाषण में भाई वीडियो की उन बातों का ज़िक्र कर सकता है जो उसके विषय से मेल खाती हों। लेकिन उसे ध्यान रखना चाहिए कि वह सभा पुस्तिका में दिए मुद्दे ज़रूर समझाए। समय हो तो उसे तसवीरें भी समझानी चाहिए। ये इसलिए दी जाती हैं ताकि भाई जानकारी और अच्छी तरह समझा सके। वह चाहे तो सभा-पुस्तिका में दिए हवालों के अलावा दूसरे प्रकाशनों से भी जानकारी दे सकता है बशर्ते वह जानकारी इस भाग में दिए मुद्दों को समझने में मदद करे।
4. ढूँढ़ें अनमोल रत्न: दस मिनट। सीधे सवाल-जवाब कीजिए। न शुरू में कोई परिचय दीजिए, न ही समाप्ति में कुछ कहिए। यह भाग किसी प्राचीन या काबिल सहायक सेवक को पेश करना चाहिए। उसे दोनों सवाल पूछने चाहिए। वह तय कर सकता है कि सवालों के साथ दी गयी आयतें पढ़वानी हैं या नहीं। भाई-बहनों को 30 सेकेंड या उससे कम समय में जवाब देने चाहिए।
5. पढ़ने के लिए आयतें: चार मिनट। यह विद्यार्थी भाग एक पुरुष विद्यार्थी को पेश करना चाहिए। उसे सिर्फ बतायी गयी आयतें पढ़नी चाहिए। न तो शुरूआत में, न ही आखिर में कुछ कहना चाहिए। चेयरमैन खास तौर से आगे बताए गुण बढ़ाने में विद्यार्थी की मदद करेगा: सही-सही पढ़ना, आयतों का मतलब समझकर पढ़ना, बिना अटके पढ़ना, मतलब पर सही तरह से ज़ोर देना, उतार-चढ़ाव का ध्यान रखना, सही जगह रुकना और स्वाभाविक तरीके से पढ़ना। पढ़ने के लिए आयतें कभी ज़्यादा होती हैं तो कभी कम, इसलिए इस भाग के लिए शेड्यूल बनाते वक्त, मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा निगरान को विद्यार्थियों की काबिलीयत को ध्यान में रखना चाहिए।
बढ़ाएँ प्रचार करने का हुनर
6. पंद्रह मिनट। इस भाग का मकसद है, सभी भाई-बहन प्रचार करने की तैयारी करें और बातचीत करने, सिखाने और प्रचार करने का हुनर बढ़ाएँ। ज़रूरत पड़ने पर प्राचीनों को भी विद्यार्थी भाग दिए जा सकते हैं। हर एक विद्यार्थी को जी जान या लोगों से करें प्यार ब्रोशर के उस स्टडी पॉइंट पर ध्यान देना चाहिए जो हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा—सभा पुस्तिका में भाग के साथ दिया गया है। कभी-कभी चर्चा भाग रखे जाएँगे। ये भाग एक प्राचीन या काबिल सहायक सेवक को पेश करने चाहिए।—चर्चा भागों को कैसे पेश करें इसके लिए पैराग्राफ 15 देखें।
7. बातचीत शुरू करना: यह भाग किसी पुरुष या महिला विद्यार्थी को दिया जा सकता है। पुरुष विद्यार्थी का सहायक पुरुष होना चाहिए और महिला विद्यार्थी की सहायक महिला होनी चाहिए या फिर उसके परिवार का कोई सदस्य होना चाहिए। विद्यार्थी और सहायक या तो बैठकर या खड़े होकर बात कर सकते हैं। इस भाग के विषय और सैटिंग के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए पैराग्राफ 12 और 13 देखें।
8. वापसी भेंट करना: यह भाग किसी पुरुष या महिला विद्यार्थी को दिया जा सकता है। पुरुष विद्यार्थी का सहायक पुरुष होना चाहिए और महिला विद्यार्थी की सहायक महिला होनी चाहिए। (राज-सेवा 5/97 पेज 2) विद्यार्थी और सहायक या तो बैठकर या खड़े होकर बात कर सकते हैं। इस भाग में विद्यार्थी दिखाएगा कि किसी ऐसे व्यक्ति से दोबारा मिलने पर क्या कहना चाहिए जिससे पहले बातचीत हो चुकी है।—इस भाग के विषय और सैटिंग के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए पैराग्राफ 12 और 13 देखें।
9. बाइबल अध्ययन चलाना: यह भाग किसी पुरुष या महिला विद्यार्थी को दिया जा सकता है। पुरुष विद्यार्थी का सहायक पुरुष होना चाहिए और महिला विद्यार्थी की सहायक महिला होनी चाहिए। (राज-सेवा 5/97 पेज 2) विद्यार्थी और सहायक या तो बैठकर या खड़े होकर बात कर सकते हैं। विद्यार्थी को यह भाग इस तरह पेश करना चाहिए मानो बाइबल अध्ययन शुरू हो चुका है। उसे न तो कोई परिचय देने की ज़रूरत है और न ही समाप्ति में कुछ कहने की। लेकिन अगर उसे अच्छी शुरूआत या असरदार समाप्ति का गुण बढ़ाने का निर्देश दिया गया है, तो वह ऐसा कर सकता है। हालाँकि भाग पेश करते समय, अध्ययन के लिए बतायी गयी जानकारी ज़ोर से पढ़ी जा सकती है, लेकिन पूरी जानकारी ज़ोर से पढ़ना ज़रूरी नहीं है।
10. समझाना कि आप क्या मानते हैं: अगर यह भाग एक भाषण है, तो इसे एक पुरुष विद्यार्थी को दिया जाना चाहिए। अगर भाग एक प्रदर्शन है, तो इसे पुरुष या महिला विद्यार्थी को दिया जा सकता है। पुरुष विद्यार्थी का सहायक पुरुष होना चाहिए और महिला विद्यार्थी की सहायक महिला होनी चाहिए या फिर उसके परिवार का कोई सदस्य होना चाहिए। विद्यार्थी को, विषय में दिए सवाल का जवाब साफ शब्दों में और समझ-बूझ दिखाते हुए दिए गए हवालों के आधार पर देना चाहिए। विद्यार्थी खुद फैसला करेगा कि क्या वह दिए हवालों का ज़िक्र करेगा या नहीं।
11. भाषण: यह भाग किसी पुरुष विद्यार्थी को दिया जाना चाहिए। वह इसे भाषण के रूप में पेश करेगा। जब भाषण लोगों से करें प्यार ब्रोशर के ‘कुछ और सुझाव—भाग क’ पर आधारित हो तो विद्यार्थी को इस बात पर गौर करना चाहिए कि दिए गए आयतों का प्रचार में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, वह समझा सकता है कि आयत का इस्तेमाल कब किया जा सकता है, उसका मतलब क्या है और उस पर व्यक्ति से तर्क कैसे करना है। जब भाषण लोगों से करें प्यार ब्रोशर के किसी पाठ के एक मुद्दे पर आधारित हो तो, विद्यार्थी को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उस मुद्दे को प्रचार में कैसे लागू किया जाए। वह चाहे तो पाठ के मुद्दा 1 में दिए उदाहरण पर या फिर पाठ में दिये दूसरी आयतों पर गौर कर सकता है, अगर ऐसा करना फायदेमंद हो तो।
12. विषय: इस पैराग्राफ और अगले पैराग्राफ में दी जानकारी ”बातचीत शुरू करना” और ”वापसी भेंट करना” भागों के बारे में है। अगर कोई और हिदायत ना दी गई हो, तो विद्यार्थी, सुननेवाले व्यक्ति के हिसाब से एक सरल सी सच्चाई बताकर अगली बार बात करने के लिए एक बुनियाद डालेगा। विद्यार्थी को ऐसा विषय चुनना चाहिए जो समय और जगह के हिसाब से असरदार हो। वह खुद फैसला करेगा कि क्या वह प्रकाशनों के पिटारे से कोई वीडियो या किताबें-पत्रिकाएँ इस्तेमाल करेगा या नहीं। रटी-रटाई प्रदर्शन पेश करने की जगह विद्यार्थी को बातचीत करने का हुनर दिखाना चाहिए, जैसे कि निजी दिलचस्पी दिखाना और स्वाभाविक तरीके से बात करना।
13. सैटिंग: विद्यार्थी को अपने इलाके के हालात को ध्यान में रखते हुए दिए गए सैटिंग को पेश करना चाहिए। उदाहरण के लिए:
(1) घर-घर का प्रचार: इस सैटिंग में घर-घर जाकर प्रचार करना शामिल है—व्यक्तिगत तौर पर, फोन पर या खत के ज़रिए—और साथ ही ऐसे व्यक्ति से दोबारा मिलना जिससे पहले घर-घर के प्रचार में बातचीत हो चुकी है।
(2) मौका ढूँढकर गवाही देना: इस सैटिंग में आम विषय पर बातचीत शुरू करके बातों-बातों में मौका देखकर गवाही देना शामिल है। इसमें उन लोगों को गवाही देना शामिल है जिनसे काम की जगह पर, स्कूल में, पड़ोस में, बस या ट्रेन वगैरह में या अपने हर दिन के काम के दौरान आपकी मुलाकात होती है।
(3) सारेआम गवाही देना: इस सैटिंग में कार्ट लगाकर गवाही देना, बिज़नस की जगहों पर लोगों से बात करना और सड़कों पर, पार्क में, पार्किंग की जगह में या जहाँ कहीं लोग मिल सकते हैं वहाँ गवाही देना शामिल है।
14. वीडियो और किताबों-पत्रिकाओं का इस्तेमाल: विद्यार्थी चाहे तो हालात के मुताबिक किताबों-पत्रिकाओं का इस्तेमाल कर सकता है। अगर विद्यार्थी को ऐसा कोई भाग मिलता है जिसमें वीडियो दिखाना हो या विद्यार्थी खुद अपने भाग में वीडियो दिखाना चाहे तो उसे वीडियो का परिचय देना और उस पर चर्चा करना चाहिए, पर उसे चलाना नहीं चाहिए।
जीएँ मसीहियों की तरह
15. गीत के बाद एक या दो भाग पेश किए जाएँगे जो कुल मिलाकर 15 मिनट के होंगे। इनमें परमेश्वर के वचन को जीवन में लागू करना सिखाया जाएगा। ये भाग किसी प्राचीन या काबिल सहायक सेवक को दिए जाने चाहिए। लेकिन “मंडली की ज़रूरतें” भाग सिर्फ प्राचीनों को ही दिया जाना चाहिए। जब कोई ऐसा भाग दिया जाए जो “चर्चा” के लिए है, तो भाई उसमें दिए सवालों के अलावा भी उस पूरे भाग के दौरान सवाल पूछ सकता है। उसे परिचय कम शब्दों में देना चाहिए ताकि मुख्य मुद्दों और चर्चा के लिए काफी समय हो। जिस भाग में इंटरव्यू का हिस्सा है, अगर मुमकिन हो तो इंटरव्यू अपनी जगह पर बैठकर देने के बजाय स्टेज पर जाकर देना बेहतर होगा।
16. मंडली का बाइबल अध्ययन: तीस मिनट। यह भाग एक काबिल प्राचीन को दिया जाना चाहिए। (जहाँ प्राचीन कम हैं, वहाँ ज़रूरत पड़ने पर काबिल सहायक सेवकों को भी यह भाग दिया जा सकता है।) प्राचीनों का निकाय तय करेगा कि मंडली का बाइबल अध्ययन चलाने की ज़िम्मेदारी किन भाइयों को दी जा सकती है। जिन्हें यह ज़िम्मेदारी दी जाती है उन्हें मुख्य आयतों पर ज़ोर देना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि सब लोग समझें कि वे सीखी बातों को कैसे लागू कर सकते हैं। अध्ययन समय पर पूरा होना चाहिए। जिन्हें यह ज़िम्मेदारी दी जाती है उन्हें उन निर्देशनों को पढ़कर फायदा होगा जो संगठन ने सवाल-जवाब के भागों के लिए दिए हैं। (प्र23.04 पेज 24 बक्स) अगर दी गयी जानकारी पर अच्छी तरह चर्चा हो गयी है, तो बेवजह अध्ययन को खींचने की ज़रूरत नहीं है। जहाँ मुमकिन हो, वहाँ हर हफ्ते अध्ययन चलाने और पैराग्राफ पढ़ने के लिए अलग-अलग भाइयों को चुना जाना चाहिए। अगर सभा का चेयरमैन अध्ययन चलानेवाले भाई से कहता है कि वह अध्ययन कम समय में खत्म करे, तो उस भाई को तय करना होगा कि वह अध्ययन को कम समय में कैसे खत्म करेगा। वह चाहे तो कुछ पैराग्राफ न पढ़वाने का फैसला कर सकता है।
समाप्ति के चंद शब्द
17. तीन मिनट। समाप्ति में चेयरमैन सभा में सिखाए गए अहम मुद्दे दोहराएगा। वह अगले हफ्ते की सभा की एक झलक भी देगा। समय हो तो वह अगले हफ्ते के विद्यार्थियों के नाम बता सकता है। अगर कोई और हिदायत ना दी गई हो तो चेयरमैन को इसी भाग में ज़रूरी घोषणाएँ करनी चाहिए और ज़रूरी खत भी पढ़ने चाहिए। लेकिन प्रचार सेवा और राज-घर की साफ-सफाई के इंतज़ाम वगैरह के बारे में घोषणा नहीं करनी चाहिए। ऐसी जानकारी सूचना बोर्ड पर लगायी जानी चाहिए। अगर चेयरमैन को लगता है कि समाप्ति के लिए दिए गए समय के अंदर ज़रूरी घोषणाएँ करना या खत पढ़ना मुश्किल होगा, तो उसे “जीएँ मसीहियों की तरह” में भाग पेश करनेवाले भाइयों से कहना चाहिए कि वे अपना भाग समय से पहले खत्म करें। ( पैराग्राफ 16 और 19 देखें।) सभा की समाप्ति गीत और प्रार्थना से होगी।
सराहना और सलाह
18. हर विद्यार्थी भाग के बाद, सभा का चेयरमैन, दिए गए स्टडी पॉइंट के आधार पर विद्यार्थी की सराहना करेगा और उसे सलाह देगा। इसके लिए वह लगभग एक मिनट लेगा। विद्यार्थी भाग का परिचय देते समय चेयरमैन यह नहीं बताएगा कि विद्यार्थी को कौन-सा गुण बढ़ाने के लिए कहा गया है। लेकिन विद्यार्थी भाग पूरा होने के बाद और विद्यार्थी की सराहना करने के बाद, चेयरमैन गुण नंबर बता सकता है। वह यह भी बता सकता है कि विद्यार्थी ने उस गुण को कैसे अच्छी तरह से दर्शाया या फिर ज़रूरी हो तो वह प्यार से समझा सकता है कि उसे क्यों और कैसे वह गुण दर्शाने के लिए और मेहनत करनी होगी। चेयरमैन चाहे तो विद्यार्थी भाग के कुछ और पहलुओं का ज़िक्र कर सकता है, बशर्ते उसे लगे कि इससे विद्यार्थी को या दूसरों को फायदा होगा। इसके अलावा, चेयरमैन सभा के बाद या फिर किसी और समय पर विद्यार्थी को जो गुण बढ़ाने के लिए कहा गया है उसके बारे में या किसी और गुण के बारे में कुछ सलाह या सुझाव दे सकता है। यह सलाह लोगों से करें प्यार ब्रोशर, जी-जान ब्रोशर या सेवा स्कूल किताब से होनी चाहिए।—मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा चेयरमैन और सहायक सलाहकार की ज़िम्मेदारियों के बारे में ज़्यादा जानने के लिए पैराग्राफ 19, 24 और 25 देखें।
समय
19. किसी को भी बताए गए समय से ज़्यादा समय नहीं लेना चाहिए। चेयरमैन भी उतना ही समय लेगा जितना उसे दिया गया है। हालाँकि हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा—सभा पुस्तिका में हर भाग का समय बताया गया है, फिर भी अगर कोई अपने भाग के लिए दिए गए समय से पहले सारी जानकारी अच्छी तरह से पेश कर चुका है, तो उसे और जानकारी देकर भाग को खींचने की ज़रूरत नहीं है। अगर भाग पेश करने में कोई ज़्यादा समय लेता है, तो चेयरमैन या सहायक सलाहकार को उसे अकेले में सलाह देनी चाहिए। ( पैराग्राफ 24 और 25 देखें।) गीतों और प्रार्थनाओं को मिलाकर सभा का कुल समय 1 घंटा 45 मिनट होना चाहिए।
सर्किट निगरान का दौरा
20. जब सर्किट निगरान का दौरा होता है, तब मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा में सिर्फ एक बदलाव होगा। उस हफ्ते मंडली का बाइबल अध्ययन नहीं होगा और उसके बदले सर्किट निगरान का 30 मिनट का सेवा भाषण होगा। सेवा भाषण से पहले सभा का चेयरमैन सभा में सीखी बातें दोहराएगा और अगले हफ्ते की सभा की एक झलक देगा। साथ ही ज़रूरी घोषणाएँ करेगा और खत पढ़ेगा। इसके बाद वह सर्किट निगरान को सेवा भाषण के लिए स्टेज पर बुलाएगा। सेवा भाषण के बाद सभा की समाप्ति, सर्किट निगरान के बताए गीत से होगी। सर्किट निगरान चाहे तो किसी और भाई को समाप्ति प्रार्थना करने के लिए बुला सकता है। अगर किसी मंडली में ज़्यादा विद्यार्थी होने के कारण विद्यार्थी भाग के लिए दूसरी क्लासें रखी जा रही हैं और अगर ऐसा कोई क्लास मंडली की ही भाषा में है, तो सर्किट निगरान के दौरे में वह क्लास नहीं होगी। अगर मंडली में दूसरी भाषा के समूह की सभाएँ होती हैं, तो सर्किट निगरान के दौरे में वह समूह हमेशा की तरह अलग से सभाएँ रख सकता है। लेकिन जब सर्किट निगरान का सेवा भाषण होगा, तब समूह को मंडली के साथ मिलकर वह भाषण सुनना चाहिए।
सम्मेलन या अधिवेशन का हफ्ता
21. सम्मेलन या अधिवेशन के हफ्ते में मंडली की कोई सभा नहीं होती। मंडली के भाई-बहनों को याद दिलाना चाहिए कि उस हफ्ते की सभा की जानकारी उन्हें अकेले या परिवार के साथ पढ़नी चाहिए।
स्मारक का हफ्ता
22. अगर स्मारक सोमवार से शुक्रवार के बीच किसी दिन होगा, तो उस हफ्ते मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा नहीं होगी।
मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा निगरान
23. प्राचीनों का निकाय एक प्राचीन को मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा का निगरान ठहराएगा। उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सभा इस लेख में दी हिदायतों के मुताबिक चलायी जाए और सबकुछ कायदे से हो। सभा निगरान और सहायक सलाहकार के बीच अच्छी बातचीत होनी चाहिए। जैसे ही कोई नयी सभा पुस्तिका उपलब्ध होती है, सभा निगरान को उन दो महीनों के सारे भागों के लिए शेड्यूल तैयार कर देना चाहिए। वह तय करेगा कि विद्यार्थी भाग कौन पेश करेंगे। इसके अलावा, वह यह भी तय करेगा कि कौन-से भाई दूसरे भाग पेश करेंगे और कौन हफ्ते का चेयरमैन होगा। चेयरमैन का भाग ऐसे भाइयों को देना चाहिए, जिन्हें प्राचीनों के निकाय ने मंज़ूरी दी है। ( पैराग्राफ 3-16 और 24 देखें।) सभा निगरान को विद्यार्थी की उम्र, तजुरबा और क्या विद्यार्थी दिए गए विषय पर बेझिझक बात कर पाएगा इन बातों को ध्यान में रखकर भाग देना चाहिए। सभा के दूसरे भागों को भी सोच-समझकर देना चाहिए। जिस तारीख को भाग पेश करना है, उससे कम-से-कम तीन हफ्ते पहले ही विद्यार्थियों को हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा में विद्यार्थियों के भाग (S-89) फॉर्म दिया जाना चाहिए। मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा निगरान को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूरी सभा का शेड्यूल सूचना बोर्ड पर लगाया जाए। प्राचीनों का निकाय, सभा निगरान की मदद करने के लिए किसी और प्राचीन या सहायक सेवक को ठहरा सकता है। लेकिन सिर्फ एक प्राचीन ही तय कर सकता है कि विद्यार्थी भाग को छोड़ बाकी भाग किन भाइयों को सौंपे जाने चाहिए।
मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा का चेयरमैन
24. हर हफ्ते एक प्राचीन, मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा का चेयरमैन होगा। (जहाँ प्राचीन कम हैं, वहाँ ज़रूरत पड़े तो काबिल सहायक सेवकों को भी यह ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।) चेयरमैन को तैयारी करनी चाहिए कि वह सभा की शुरूआत में और समाप्ति में क्या कहेगा। वह सभा के हर भाग का परिचय भी देगा। जहाँ प्राचीन कम हैं वहाँ चेयरमैन को सभा के दूसरे भाग भी दिए जा सकते हैं, खासकर वे भाग जिनमें सिर्फ वीडियो दिखाना हो और कोई चर्चा नहीं करनी हो। चेयरमैन को हर भाग का परिचय कम शब्दों में देना चाहिए और उस भाग के आखिर में भी कम शब्द कहने चाहिए। प्राचीनों का निकाय तय करेगा कि कौन-कौन-से प्राचीन इस ज़िम्मेदारी के योग्य हैं। काबिल प्राचीनों को समय-समय पर चेयरमैन की ज़िम्मेदारी दी जाएगी। ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा निगरान को चेयरमैन की ज़िम्मेदारी दूसरे काबिल प्राचीनों के मुकाबले ज़्यादा बार सौंपी जा सकती है। जो प्राचीन मंडली का बाइबल अध्ययन चलाने के काबिल हैं, वे चेयरमैन बनने के भी काबिल होंगे। मगर ध्यान दीजिए कि जिस प्राचीन को चेयरमैन की ज़िम्मेदारी दी जाती है, उसे विद्यार्थी भाग पेश करनेवालों की सराहना करनी चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर सुधार करने के लिए प्यार से सलाह देनी चाहिए। उसे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पूरी सभा समय पर खत्म हो। ( पैराग्राफ 17 और 19 देखें।) अगर स्टेज पर एक और माइक स्टैंड रखने के लिए जगह है और चेयरमैन चाहता है कि वह रखा जाए, तो इसका इंतज़ाम किया जा सकता है। जब भाग पेश करनेवाले हर भाई के लिए माइक सेट किया जाता है, तो उस वक्त चेयरमैन दूसरे माइक से उसका परिचय दे सकता है। उसी तरह “पढ़ने के लिए आयतें” और “बढ़ाएँ प्रचार करने का हुनर” के अलग-अलग भागों के दौरान चेयरमैन के बैठने के लिए स्टेज पर एक टेबल और कुर्सी रखी जा सकती है। ऐसा करने से काफी समय बच सकता है।
सहायक सलाहकार
25. मुमकिन हो तो सहायक सलाहकार की ज़िम्मेदारी ऐसे प्राचीन को दी जानी चाहिए जिसे भाषण देने का अच्छा तजुरबा हो। इस भाई की ज़िम्मेदारी है कि वह ज़रूरत पड़ने पर प्राचीनों और सहायक सेवकों को उनके भाग के लिए अकेले में सलाह दे, जैसे मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा के अलग-अलग भाग, जन भाषण, और प्रहरीदुर्ग अध्ययन और मंडली का बाइबल अध्ययन चलाने या उनके पैराग्राफ पढ़ने के मामले में। ( पैराग्राफ 19 देखें।) अगर मंडली में कई प्राचीन भाषण देने और सिखाने में अनुभवी हैं, तो हर साल एक अलग काबिल प्राचीन को सहायक सलाहकार की ज़िम्मेदारी दी जा सकती है। यह ज़रूरी नहीं कि सहायक सलाहकार भाइयों को हर भाग के बाद सलाह दे।
दूसरी क्लासें
26. अगर किसी मंडली में विद्यार्थी ज़्यादा हैं, तो विद्यार्थी भाग के लिए दूसरी क्लासें भी रखी जा सकती हैं। हर क्लास में एक काबिल सलाहकार होना चाहिए। अच्छा होगा कि वह एक प्राचीन हो। ज़रूरत पड़े तो किसी काबिल सहायक सेवक को भी यह ज़िम्मेदारी दी जा सकती है। प्राचीनों के निकाय को तय करना चाहिए कि कौन इसके काबिल है। निकाय को यह भी तय करना चाहिए कि क्या यह ज़िम्मेदारी एक ही भाई को दी जानी चाहिए या हर हफ्ते बारी-बारी से अलग-अलग भाई इस ज़िम्मेदारी को निभाएँगे। दूसरी क्लास के सलाहकार को इस लेख के पैराग्राफ 18 में दी हिदायतें माननी चाहिए। विद्यार्थियों को “ढूँढ़ें अनमोल रत्न” भाग के बाद “बढ़ाएँ प्रचार करने का हुनर” भाग के लिए दूसरी क्लास में जाने के लिए कहा जाना चाहिए। आखिरी विद्यार्थी भाग खत्म होने के बाद वे मुख्य हॉल में वापस आ सकते हैं।
वीडियो
27. मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा में कुछ वीडियो भी दिखाए जाते हैं। ये वीडियो JW लाइब्रेरी ऐप में उपलब्ध होते हैं और इन्हें कई तरह के उपकरणों के ज़रिए देखा या डाउनलोड किया जा सकता है।
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