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क्या परमेश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ सुनेगा?

क्या परमेश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ सुनेगा?

बहुत-से लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर परमेश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ सुनता है कि नहीं। बाइबल बताती है कि यहोवा परमेश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ सुनता है। लेकिन वह हमारी सुनेगा या नहीं, यह हम पर भी निर्भर करता है।

यीशु ने अपने ज़माने के धर्म गुरुओं को फटकारा, क्योंकि वह दिल से नहीं बल्कि लोगों की नज़रों में छाने के लिए प्रार्थना करते थे। इसीलिए यीशु ने उनके बारे में कहा, “वे अपना पूरा फल पा चुके हैं,” यानी उन्हें लोगों की तारीफ तो मिल जाती, लेकिन परमेश्‍वर उनकी नहीं सुनता। (मत्ती 6:5) उसी तरह आज कई लोग परमेश्‍वर की मरज़ी के मुताबिक प्रार्थना नहीं करते। वे सिर्फ अपनी इच्छाएँ पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं। लेकिन जैसे हमने सीखा, परमेश्‍वर ऐसी प्रार्थनाएँ नहीं सुनता।

क्या परमेश्‍वर आपकी प्रार्थनाएँ सुनेगा? परमेश्‍वर यह नहीं देखता कि आप किस देश या जाति के हैं या लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं। बाइबल में लिखा है, “परमेश्‍वर भेदभाव नहीं करता, मगर हर वह इंसान जो उसका डर मानता है और सही काम करता है, फिर चाहे वह किसी भी राष्ट्र का क्यों न हो, उसे वह स्वीकार करता है।” (प्रेषितों 10:34, 35) क्या आप परमेश्‍वर का डर मानते हैं और सही काम करते हैं? परमेश्‍वर का डर मानने का मतलब है, उसका आदर करना और ऐसा कुछ न करना जिससे वह नाराज़ हो। सही काम का मतलब ऐसे काम नहीं, जो हमारी नज़र में सही हों या दूसरे इंसानों की नज़र में सही हों, बल्कि ऐसे काम जो परमेश्‍वर की नज़र में सही हों। अगर हम परमेश्‍वर का डर मानें और सही काम करें, तो परमेश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ ज़रूर सुनेगा। *

कई लोग चाहते हैं कि परमेश्‍वर कोई चमत्कार करके उनकी प्रार्थनाओं का जवाब दे। लेकिन हमें इसकी उम्मीद नहीं करनी चाहिए। पुराने ज़माने में भी परमेश्‍वर ने सिर्फ कुछ ही बार चमत्कार करके प्रार्थनाओं का जवाब दिया। कई बार तो ऐसा हुआ कि सदियाँ बीत गयीं, लेकिन परमेश्‍वर ने कोई चमत्कार नहीं किया। और-तो-और प्रेषितों की मौत के बाद चमत्कार होने बंद हो गए। (1 कुरिंथियों 13:8-10) तो क्या इसका मतलब है कि परमेश्‍वर आज हमारी प्रार्थनाएँ नहीं सुनता? नहीं, ऐसा नहीं है। आइए देखें कि परमेश्‍वर किस तरह की प्रार्थनाएँ सुनता है।

परमेश्‍वर बुद्धि देता है। बाइबल बताती है कि यहोवा ही बुद्धि का स्रोत है। जो लोग उससे बुद्धि माँगते हैं और उसकी बतायी राह पर चलते हैं, उन्हें यहोवा बुद्धि ज़रूर देता है।​—याकूब 1:5.

परमेश्‍वर हमें अपनी ताकत यानी पवित्र शक्‍ति देता है। इस ताकत से बढ़कर और कोई ताकत नहीं। इसकी मदद से हम मुश्‍किलों का सामना कर पाते हैं और जब हम निराश होते हैं, तो हमें हिम्मत मिलती है, मन की शांति मिलती है। परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति से हम अपने अंदर अच्छे गुण भी बढ़ा पाते हैं। (गलातियों 5:22, 23) यीशु ने अपने शिष्यों से कहा था कि अगर वे परमेश्‍वर से पवित्र शक्‍ति माँगे, तो वह उन्हें ज़रूर देगा।​—लूका 11:13.

जो परमेश्‍वर के बारे में जानना चाहते हैं, उनकी वह मदद करता है। (प्रेषितों 17:26, 27) दुनिया-भर में कई लोग जानना चाहते हैं कि परमेश्‍वर का नाम क्या है, उसने इंसानों को क्यों बनाया और वे ऊपरवाले के दोस्त कैसे बन सकते हैं। (याकूब 4:8) यहोवा के साक्षी लोगों को बाइबल से इन सवालों के जवाब देते हैं।

क्या आप भी परमेश्‍वर के बारे में जानना चाहते थे? शायद ऊपरवाले ने आपकी सुन ली और इस पत्रिका के ज़रिए आपकी प्रार्थना का जवाब दिया!

^ पैरा. 5 हमें किस तरह प्रार्थना करनी चाहिए, इस बारे में ज़्यादा जानने के लिए बाइबल हमें क्या सिखाती है?  किताब का अध्याय 17 पढ़ें। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।