भाग 3
राज के स्तर—परमेश्वर के नेक स्तरों की खोज
आप अपने पड़ोसी को नमस्ते करते हैं और वह भी आपको नमस्ते करता है और आपसे बात करने लगता है। आपने गौर किया है कि कुछ समय से वह आपको और आपके परिवार को ध्यान से देख रहा है। वह कहता है, “मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूँ। आप लोग दूसरों से इतने अलग क्यों हैं?” आप कहते हैं, “मैं आपके कहने का मतलब नहीं समझा।” वह कहता है, “आप यहोवा के साक्षी हैं न? आप लोगों का धर्म बाकी सब धर्मों से अलग है। आप त्योहार नहीं मनाते और राजनीति और युद्धों में हिस्सा नहीं लेते। आपमें कोई सिगरेट भी नहीं पीता। आपके परिवार के नैतिक उसूल बहुत ऊँचे हैं। आखिर आप लोग इतने अलग क्यों हैं?”
आप जानते हैं कि इन सारे सवालों का सीधा-सा जवाब है: हम परमेश्वर के राज की हुकूमत को मानते हैं। हमारा राजा यीशु हमें लगातार शुद्ध कर रहा है। वह हमें उसके नक्शे-कदम पर चलना सिखा रहा है, इसलिए हम इस बुरी दुनिया में सबसे अलग नज़र आते हैं। इस भाग में हम देखेंगे कि मसीहा का राज, परमेश्वर के लोगों को कैसे उपासना और नैतिकता के मामले में शुद्ध करता आया है और संगठन चलाने के तरीके को निखारता आया है जिससे यहोवा की महिमा हुई है।
इस भाग में
अध्याय 10
राजा अपने लोगों को उपासना के मामले में शुद्ध करता है
क्रिसमस और क्रूस में क्या बात मिलती-जुलती है?
अध्याय 11
नैतिक मामलों में शुद्ध किया गया—परमेश्वर की तरह पवित्र
सन् 1914 से परमेश्वर के लोगों के लिए, यहेजकेल के दर्शन के मंदिर में दिखाए दरवाज़ों और पहरेदारों के खानों के खास मायने रहे हैं।
अध्याय 12
‘शांति के परमेश्वर’ की सेवा करने के लिए व्यवस्थित
बाइबल में गड़बड़ी के विपरीत शब्द के तौर पर शांति का ज़िक्र किया गया है, न कि कायदे का। क्यों? इसका जवाब जानना आज हम मसीहियों के लिए क्यों ज़रूरी है?