चिट्ठियाँ
फैसला करने में इस्तेमाल होनेवाले छोटे-छोटे पत्थर या लकड़ी के टुकड़े। इन्हें कपड़े की तह या एक बरतन में डालकर हिलाया जाता था। जिसके नाम का पत्थर या लकड़ी का टुकड़ा बाहर गिरता या निकाला जाता था उसी को चुना जाता था। यह काम प्रार्थना के साथ किया जाता था। मूल भाषा में ‘चिट्ठियों’ के लिए जो शब्द इस्तेमाल हुए हैं, उनका मतलब ‘भाग’ या ‘हिस्सा’ भी हो सकता है।—यह 14:2; भज 16:5; नीत 16:33; मत 27:35.