फिरौती
कैद, सज़ा, तकलीफ, पाप या किसी ज़िम्मेदारी से आज़ाद होने के लिए दी जानेवाली कीमत। यह कीमत हमेशा पैसों से नहीं अदा की जाती थी। (यश 43:3) कई अलग-अलग हालात थे जिनमें फिरौती देनी होती थी। मिसाल के लिए, इसराएलियों के सभी पहलौठे बेटे या उनके जानवरों के सभी नर पहलौठे यहोवा के थे और उन्हें खास उसकी सेवा के लिए अलग किया गया था। इसलिए उन्हें छुड़ाने के लिए फिरौती की कीमत देनी होती थी। (गि 3:45, 46; 18:15, 16) अगर किसी खतरनाक बैल को बाँधकर नहीं रखा जाता था और वह किसी को मार डालता था, तो उसके मालिक को मौत की सज़ा मिलती थी। लेकिन अगर मालिक इस सज़ा से बचना चाहता था तो उसे फिरौती की उतनी रकम देनी होती थी जितनी उससे माँगी जाती थी। (निर्ग 21:29, 30) मगर जानबूझकर कत्ल करनेवालों के लिए कोई फिरौती नहीं होती थी। (गि 35:31) बाइबल बताती है कि सबसे बड़ी फिरौती मसीह ने दी। उसने आज्ञा माननेवाले इंसानों को पाप और मौत से छुड़ाने के लिए अपनी जान दे दी।—भज 49:7, 8; मत 20:28; इफ 1:7.