लैंगिकता और नैतिकता
भाग ६
लैंगिकता और नैतिकता
इसमें संदेह नहीं कि अनेक युवा पुस्तक के इस भाग को सबसे पहले खोलेंगे। क्यों? क्योंकि कोई दूसरा विषय इतने प्रश्न और इतने विवाद—और उलझन—नहीं उत्पन्न करता जितने कि लैंगिकता और नैतिकता। लेकिन, नैतिकता में लैंगिक व्यवहार से अधिक समाविष्ट है। उदाहरण के लिए, क्या आप उस युवा को नैतिक कह सकते हैं जो झूठ बोलता और छल करता है? या क्या ऐसी स्थितियाँ है जिनमें बेईमानी सही है? ख़ुशी की बात है कि नैतिकता के इन मामलों पर बाइबल हमें कुछ सीधा और व्यावहारिक मार्गदर्शन देती है।