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2017 में चल रही एक गिलियड स्कूल की क्लास की तसवीर

दान किए गए पैसों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?

गिलियड स्कूल—दुनिया के हर कोने से आए विद्यार्थी

गिलियड स्कूल—दुनिया के हर कोने से आए विद्यार्थी

1 दिसंबर, 2020

 हर साल दुनिया-भर से, खास पूरे-समय के सेवकों को वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड में हाज़िर होने के लिए बुलाया जाता है। यह स्कूल, न्यू यॉर्क के पैटरसन शहर में वॉचटावर शिक्षा केंद्र में रखा जाता है। a इस स्कूल में उन्हें यहोवा के संगठन में अलग-अलग ज़िम्मेदारियाँ निभाने के लिए ज़रूरी प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण से वे दुनिया-भर में मंडलियों और शाखा-दफ्तरों को मज़बूत कर पाते हैं। साथ ही, मंडली और शाखा-दफ्तरों के काम में हाथ बँटा पाते हैं।

 वाकई, गिलियड एक अंतर्राष्ट्रीय किस्म का स्कूल है। इसकी एक मिसाल लीजिए। 2019 में हुई 147वीं क्लास में 29 देशों से 56 विद्यार्थी आए थे। इनमें से कुछ विद्यार्थी सर्किट निगरान, मिशनरी और खास पायनियर थे। तो कुछ बेथेल में खास पूरे-समय की सेवा कर रहे थे।

 स्कूल का पहला सेशन शुरू होने से काफी पहले, तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। विश्‍व मुख्यालय का यात्रा विभाग, स्कूल में आनेवाले विद्यार्थियों के लिए प्लेन की टिकटें खरीदता है। जैसे, 147वीं क्लास में आनेवाले विद्यार्थियों के लिए अपनी सेवा की जगह से पैटरसन तक आने-जाने का खर्च लगभग 79,000 रुपए (1,075 डॉलर) था। इसके अलावा, जो विद्यार्थी सोलोमन द्वीप-समूह से आनेवाले थे, उन्हें पैटरसन पहुँचने के लिए 4 बार प्लेन बदलना पड़ा और फिर वापस घर जाने के लिए 3 बार। इस तरह सोलोमन द्वीप-समूह से आए विद्यार्थियों ने 35,400 किलोमीटर लंबा सफर तय किया! और हर विद्यार्थी के लिए लगभग 1,68,000 रुपए (2,300 डॉलर) खर्च हुए। यात्रा विभाग एक कंप्यूटर प्रोग्राम की मदद से सस्ती टिकटें बुक करता है। लेकिन टिकट बुक होने के बाद भी, यह कंप्यूटर प्रोग्राम अगले कई हफ्तों या महीनों तक सस्ती टिकटें ढूँढ़ता रहता है। इसके अलावा, कुछ लोग एयरलाईन से मिले पॉइंट्‌स और माइलेज दान करते हैं। यात्रा विभाग इन पॉइंट्‌स का भी इस्तेमाल करके टिकटें बुक करता है।

 अलग-अलग देशों से आनेवाले विद्यार्थियों को अमरीका में आने के लिए वीज़ा की ज़रूरत होती है। विश्‍व मुख्यालय का कानून विभाग इन विद्यार्थियों को वीज़ा पाने में उनकी मदद करता है। वीज़ा और रजिस्ट्रेशन के लिए हर विद्यार्थी के लिए लगभग 37,000 रुपए (510 डॉलर) खर्च होते हैं।

 इन विद्यार्थियों को जो प्रशिक्षण दिया जाता है, उससे हमें क्या फायदा होता है? दक्षिण-पूर्वी एशिया में हेंड्रा गुनावान नाम का एक प्राचीन है। उनकी मंडली में गिलियड स्कूल से ग्रैजुएट हुए एक पति-पत्नी हैं। हेंड्रा गुनावान कहते हैं, “पहले हमारी मंडली में एक भी पायनियर नहीं था। मगर जबसे ये पति-पत्नी हमारी मंडली में आएँ हैं, तब से भाई-बहनों का जोश और भी ज़्यादा बढ़ गया है। कई भाई-बहन तो पायनियर बन गए हैं और एक बहन को ‘राज प्रचारकों के लिए स्कूल’ में जाने का मौका मिला!”

 सर्गियो पांजा-इतान नाम का एक भाई, दक्षिण-पूर्वी एशिया के एक बेथेल में काम करता है। वह कहता है, “गिलियड विद्यार्थियों को जो प्रशिक्षण मिलता है, वो न सिर्फ उनके लिए, बल्कि हमारे लिए भी आशीष है। उन्हें कितना कुछ सीखने को मिलता है! लेकिन इस वजह से वे खुद को दूसरों से बेहतर नहीं समझते। उन्होंने जो भी सीखा है, उसे वे दूसरों के साथ बाँटते हैं। इस तरह हमारा हौसला बढ़ता है और बदले में हम भी दूसरों का हौसला बढ़ाते हैं।”

 इस स्कूल का खर्चा कैसे उठाया जाता है? ‘पूरी दुनिया में होनेवाले काम के लिए’ दान से। इसमें से ज़्यादातर दान donate.dan124.com में बताए गए अलग-अलग तरीकों से मिलता है। आप दिल खोलकर जो दान देते हैं, उसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। इस दान की मदद से ही यह अंतर्राष्ट्रीय स्कूल चला पाना मुमकिन होता है।

a इस स्कूल के कोर्स को यहोवा के साक्षियों का स्कूल विभाग तैयार करता है। स्कूल विभाग, शासी निकाय की शिक्षा-समिति की मदद से स्कूल का कोर्स तैयार करता है। गिलियड स्कूल में अलग-अलग लोग सिखाते हैं। जैसे: स्कूल विभाग के शिक्षक, मेहमान वक्‍ता और शासी निकाय के सदस्य।