पहले पेज का विषय | क्या प्रार्थना करने का कोई फायदा है?
ईश्वर क्यों चाहता है कि हम उससे प्रार्थना करें
ईश्वर आपसे दोस्ती करना चाहता है।
जब दो दोस्त आपस में बातचीत करते हैं, तो उनकी दोस्ती और पक्की हो जाती है। उसी तरह, ईश्वर हमें उससे बातचीत करने के लिए कहता है, ताकि हम उसके अच्छे दोस्त बन सकें। वह कहता है, “तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझ से प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूँगा।” (यिर्मयाह 29:12) जब आप ईश्वर से खुलकर बात करेंगे, तो आप ‘उसके करीब आएँगे और वह आपके करीब आएगा।’ (याकूब 4:8) पवित्र शास्त्र हमें यकीन दिलाता है कि ‘जितने यहोवा को पुकारते हैं, उन सभी के वह निकट रहता है।’ (भजन 145:18) हम जितनी बार ईश्वर से प्रार्थना करेंगे, उतनी ही ज़्यादा उसके साथ हमारी दोस्ती पक्की होती जाएगी।
‘जितने यहोवा को पुकारते हैं, उन सभी के वह निकट रहता है।’—भजन 145:18
ईश्वर आपकी मदद करना चाहता है।
एक बार यीशु ने कहा, “तुममें ऐसा कौन आदमी है जिसका बेटा अगर उससे रोटी माँगे, तो वह उसे एक पत्थर पकड़ा दे? या अगर वह मछली माँगे, तो उसे एक साँप पकड़ा दे? क्या वह ऐसा करेगा? इसलिए जब तुम . . . यह जानते हो कि अपने बच्चों को अच्छे तोहफे कैसे देने हैं, तो तुम्हारा पिता जो स्वर्ग में है, वह और भी बढ़कर अपने माँगनेवालों को अच्छी चीज़ें क्यों न देगा!” (मत्ती 7:9-11) जी हाँ, ईश्वर चाहता है कि आप उससे प्रार्थना करें, क्योंकि ‘उसे आपकी परवाह है’ और वह आपकी मदद करना चाहता है। (1 पतरस 5:7) वह यह भी चाहता है कि आप उसे अपनी परेशानियाँ खुलकर बताएँ। पवित्र शास्त्र में लिखा है, “किसी भी बात को लेकर चिंता मत करो, मगर हर बात में प्रार्थना और मिन्नतों और धन्यवाद के साथ अपनी बिनतियाँ परमेश्वर को बताते रहो।”—फिलिप्पियों 4:6.
इंसानों में ईश्वर से मार्गदर्शन पाने की इच्छा होती है।
लोगों के स्वभाव का अध्ययन करनेवालों का मानना है कि करोड़ों लोगों को लगता है कि उन्हें प्रार्थना करनी चाहिए। इनमें से कुछ तो नास्तिक हैं और कुछ ऐसे हैं, जो ईश्वर के वजूद पर शक करते हैं। * इससे साफ पता चलता है कि इंसानों को ईश्वर के बारे में जानने की इच्छा के साथ बनाया गया था। यीशु ने कहा था, “सुखी हैं वे जिनमें परमेश्वर से मार्गदर्शन पाने की भूख है।” (मत्ती 5:3) इस ज़रूरत को पूरी करने का एक तरीका है लगातार ईश्वर से प्रार्थना करना।
अगर हम ईश्वर से प्रार्थना करें, तो हमें क्या फायदे हो सकते हैं? (w15-E 10/01)
^ पैरा. 8 सन् 2012 की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमरीका में नास्तिक और ईश्वर के वजूद पर शक करनेवाले लोगों में से 11 प्रतिशत लोग महीने में कम-से-कम एक बार प्रार्थना करते हैं।