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परमेश्‍वर का नाम क्या है?

परमेश्‍वर का नाम क्या है?

अगर आपको किसी से जान-पहचान करनी है, तो शायद आप सबसे पहले उससे यही पूछेंगे, “आपका नाम क्या है?” अगर आप यही सवाल परमेश्‍वर से पूछें, तो वह क्या कहेगा?

“मैं यहोवा हूँ, यही मेरा नाम है।”​—यशायाह 42:8.

शायद आपने यहोवा नाम पहले कभी नहीं सुना हो। कई बाइबलों में यहोवा नाम बहुत कम बार लिखा गया है और कुछ बाइबलों में तो बिलकुल नहीं लिखा गया है। इस नाम के बदले “प्रभु” या “परमेश्‍वर” लिखा गया है। लेकिन सच तो यह है कि जब शुरू में बाइबल लिखी गयी थी, तो उसमें यहोवा नाम करीब 7,000 बार आया था। इब्रानी भाषा में यह नाम चार अक्षरों से बना है, जिनके हिंदी अक्षर य-ह-व-ह हैं। इन अक्षरों को मिलाकर “यहोवा” कहा जाता है।

मृत सागर के पास मिला भजनों का खर्रा ई. 30-50, इब्रानी

टिंडेल अनुवाद 1530, अँग्रेज़ी

रैनॉ-वॉलेरो वर्शन 1602, स्पैनिश

यूनियन वर्शन  1919, चीनी

परमेश्‍वर का नाम बाइबल के पूरे इब्रानी शास्त्र में और कई अनुवादों में पाया जाता है

परमेश्‍वर का नाम जानना क्यों ज़रूरी है?

यह नाम परमेश्‍वर के लिए बहुत मायने रखता है। परमेश्‍वर का नाम किसी ने नहीं रखा। उसने खुद अपना नाम रखा है। बाइबल बताती है कि यहोवा कहता है, “सदा तक मेरा नाम यही रहेगा और पीढ़ी-पीढ़ी तक मुझे इसी नाम से याद किया जाएगा।” (निर्गमन 3:15) हालाँकि बाइबल में यहोवा को सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर, पिता, प्रभु और परमेश्‍वर भी कहा गया है, लेकिन इन उपाधियों से ज़्यादा उसका नाम लिखा गया है। उसी तरह अब्राहम, मूसा, दाविद और यीशु जैसे नामों से कहीं ज़्यादा बार बाइबल में यहोवा नाम दर्ज़ किया गया है। इससे पता चलता है कि यह नाम बहुत खास है। इतना ही नहीं, यहोवा खुद चाहता है कि सब लोग उसका नाम जानें। बाइबल कहती है, “लोग जानें कि सिर्फ तू जिसका नाम यहोवा है, सारी धरती के ऊपर परम-प्रधान है।”​—भजन 83:18.

यह नाम यीशु के लिए बहुत मायने रखता है। यीशु ने अपने चेलों को एक प्रार्थना सिखायी थी, जिसे प्रभु की प्रार्थना कहा जाता है। उसने अपने चेलों से कहा था कि वे परमेश्‍वर से यह प्रार्थना करें, “तेरा नाम  पवित्र किया जाए।” (मत्ती 6:9) उसने खुद भी यहोवा से प्रार्थना की, “पिता अपने नाम  की महिमा कर।” (यूहन्‍ना 12:28) यीशु ने सारी ज़िंदगी परमेश्‍वर के नाम की महिमा की थी। इसीलिए वह परमेश्‍वर से यह प्रार्थना कर सका कि “मैंने तेरा नाम उन्हें बताया है और आगे भी बताऊँगा।”​—यूहन्‍ना 17:26.

परमेश्‍वर के सेवकों के लिए यह नाम बहुत मायने रखता है। यहोवा नाम लेने से ही हमारी हिफाज़त हो सकती है और हमारा उद्धार हो सकता है। बीते ज़माने में भी परमेश्‍वर के सेवक यह बात जानते थे। बाइबल बताती है, “यहोवा का नाम एक मज़बूत मीनार है, जिसमें भागकर नेक जन हिफाज़त पाता है।” (नीतिवचन 18:10) “जो कोई यहोवा का नाम पुकारता है वह उद्धार पाएगा।” (योएल 2:32) बाइबल बताती है कि परमेश्‍वर के नाम से उसके लोगों की एक अलग पहचान होती है। “सब देशों के लोग अपने-अपने ईश्‍वर का नाम लेकर चलेंगे, मगर हम अपने परमेश्‍वर यहोवा का नाम लेकर हमेशा-हमेशा तक चलते रहेंगे।”​—मीका 4:5; प्रेषितों 15:14.

परमेश्‍वर के नाम से क्या पता चलता है?

सिर्फ यहोवा नाम से परमेश्‍वर का व्यक्‍तित्व पता चलता है। कई विद्वानों का कहना है कि यहोवा नाम का मतलब है, “वह बनने का कारण होता है।” यहोवा ने अपने एक सेवक मूसा से अपने नाम के सिलसिले में बात करते वक्‍त कहा था, “मैं वह बन जाऊँगा जो मैं बनना चाहता हूँ।” (निर्गमन 3:14) यहोवा ने जो कहा उससे हमें उसके नाम के मतलब के बारे में कुछ सुराग मिलता है। वह यह कि यहोवा न सिर्फ एक सृष्टिकर्ता है, जिसने सबकुछ बनाया बल्कि अपना मकसद पूरा करने के लिए जब जो ज़रूरी है वह बन सकता है और अपनी सृष्टि को भी बना सकता है।  सर्वशक्‍तिमान जैसी उपाधियों से सिर्फ यह पता चलता है कि यहोवा कितने ऊँचे ओहदे पर है, उसके पास कितना अधिकार और कितनी शक्‍ति है। मगर सिर्फ उसके नाम यहोवा से उसके पूरे व्यक्‍तित्व की एक तसवीर मिलती है कि वह कौन है और क्या बन सकता है।

उसके नाम से पता चलता है कि वह हमारा ध्यान रखता है। परमेश्‍वर के नाम के मतलब से पता चलता है कि वह अपनी पूरी सृष्टि का, जिसमें हम इंसान भी शामिल हैं, हमेशा खयाल रखता है। इतना ही नहीं, वह चाहता है कि हम उसे जानें। तभी तो उसने हमें अपना नाम बताया। हम सबके पैदा होने से मुद्दतों पहले उसने खुद इंसानों को अपना नाम बताया था। इससे साफ ज़ाहिर है कि यहोवा परमेश्‍वर ऐसा कोई अनजान देवता नहीं है, जिसे समझना नामुमकिन है। वह एक असल व्यक्‍ति है। हम उसे जान सकते हैं और उसके साथ एक रिश्‍ता जोड़ सकते हैं।​—भजन 73:28.

यहोवा नाम लेकर हम जताते हैं कि हम उसके दोस्त बनना चाहते हैं। वह कैसे? इसे समझने के लिए एक मिसाल लीजिए। अगर आप किसी से दोस्ती करना चाहते हैं, तो शायद आप उससे कहेंगे कि वह आपको आपके नाम से बुलाए। लेकिन वह आपको नाम से नहीं बुलाता। आप उससे कई बार कहते हैं, फिर भी वह आपका नाम नहीं लेता। ऐसे में आप क्या सोचेंगे? शायद यही कि वह आपका दोस्त नहीं बनना चाहता। परमेश्‍वर भी हमसे दोस्ती करना चाहता है। इसीलिए उसने हमें अपना नाम बताया है और वह चाहता है कि हम उसका नाम ज़बान पर लें। यहोवा नाम का इस्तेमाल करके एक तरह से हम उससे कह रहे होते हैं कि हम उसके दोस्त बनना चाहते हैं। वह गौर करता है कि कौन ‘उसके नाम को अनमोल समझता है।’​—मलाकी 3:16, फुटनोट।

परमेश्‍वर का नाम जानना बस एक शुरूआत है। उसके करीब आने के लिए हमें यह भी जानना होगा कि उसमें कौन-से गुण हैं। आइए इस बारे में जानें।

परमेश्‍वर का नाम क्या है? परमेश्‍वर का नाम यहोवा है। सिर्फ इस नाम से पता चलता है कि वह अपने मकसद को पूरा करनेवाला परमेश्‍वर है