प्रहरीदुर्ग अंक 2 2016 | यीशु ने क्यों दुख-तकलीफें सहीं और अपनी जान दी?

करीब 2,000 साल पहले एक व्यक्‍ति की मौत से हमें क्या फायदा हो सकता है?

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क्या ऐसा सच में हुआ था?

हम यीशु के बारे में बाइबल में लिखी बातों पर क्यों यकीन कर सकते हैं?

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यीशु ने क्यों दुख-तकलीफें सहीं और अपनी जान दी?

उसकी कुरबानी से हमें क्या फायदा होगा?

आत्म-विश्‍वास कैसे बढ़ाएँ?

तीन तरीके जिन्हें अपनाने से आपमें आत्म-विश्‍वास बढ़ सकता है।

पुराने ज़माने की सलाह, करे आज भी लोगों का भला

चिंता मत कीजिए

यीशु ने न सिर्फ यह कहा कि हमें चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि यह भी समझाया कि हम यह कैसे कर सकते हैं।

चेतावनी पर ध्यान देने से आपकी जान बच सकती है!

पवित्र शास्त्र में दी भविष्यवाणियाँ साफ ज़ाहिर करती है कि एक संकट आनेवाला है। क्या आप इन चेतावनियों पर ध्यान देंगे?

क्या आपने कभी सोचा है?

जो अब नहीं रहे, क्या वे कभी ज़िंदा होंगे?