शब्दों की समझ
फिरौती देने से पहले पाप माफ किए गए
यीशु ने अपना खून बहाकर जो फिरौती बलिदान दिया है, उसी के आधार पर हमें अपने पापों की माफी मिल सकती है। (इफि. 1:7) लेकिन बाइबल में लिखा है, ‘परमेश्वर ने बीते ज़माने में लोगों के पापों को बरदाश्त किया और उन्हें माफ करता रहा,’ यानी यीशु के फिरौती बलिदान देने से पहले ही परमेश्वर ने लोगों के पापों को माफ किया। (रोमि. 3:25) पर सवाल उठता है कि यहोवा यह कैसे कर सकता था? क्या ऐसा करना उसके न्याय के स्तर के हिसाब से सही था?
जैसे ही यहोवा ने यह भविष्यवाणी की कि एक “वंश” आएगा जो इंसानों को पाप और मौत से बचाएगा, तो उसकी नज़र में यह ऐसा था मानो फिरौती बलिदान दिया जा चुका है। (उत्प. 3:15; 22:18) यहोवा को पूरा यकीन था कि वक्त आने पर उसका इकलौता बेटा खुशी-खुशी खुद को कुरबान कर देगा। (गला. 4:4; इब्रा. 10:7-10) जब यीशु धरती पर था, तो यहोवा ने उसे लोगों के पाप माफ करने का अधिकार दिया था, जबकि उस वक्त तक फिरौती नहीं दी गयी थी। यीशु किस आधार पर पापों को माफ कर पाया? वह जानता था कि आगे चलकर जो कोई उसके फिरौती बलिदान पर विश्वास करेगा, उसके पाप माफ किए जाएँगे। इसलिए उसने उन लोगों के पाप माफ कर दिए जिन्होंने उस पर विश्वास किया।—मत्ती 9:2-6.