क्या इसे रचा गया था?
समुद्री ऊदबिलाव की घने बालोंवाली खाल
ठंडे पानी में रहनेवाले बहुत-से स्तनधारी जीवों के शरीर में चर्बी की मोटी परत होती है। इससे वे गरम रह पाते हैं। लेकिन समुद्री ऊदबिलाव खुद को गरम रखने के लिए घने बालोंवाली अपनी खाल पर निर्भर रहते हैं।
गौर कीजिए: समुद्री ऊदबिलाव के रोएँ या बाल बाकी सभी स्तनधारी जीवों से ज़्यादा घने होते हैं। उनकी त्वचा पर एक इंच के घेरे (1 वर्ग इंच) में ही करीब 10 लाख बाल होते हैं। जब ऊदबिलाव तैरते हैं, तो उनके आस-पास की हवा उनके बालों में भर जाती है। यह हवा अवरोधक का काम करती है यानी ठंडे पानी को शरीर में लगने नहीं देती। इससे शरीर गरम रहता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि समुद्री ऊदबिलाव की खाल की बनावट से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। वैज्ञानिकों ने ऊदबिलाव की खाल की नकल करके अलग-अलग तरह के फर कोट बनाए और कुछ प्रयोग किए। कुछ फर कोट के बाल लंबे थे, तो कुछ के छोटे, कुछ के ज़्यादा घने, तो कुछ के कम। प्रयोग करके वे इस नतीजे पर पहुँचे कि ‘बाल जितने ज़्यादा घने और लंबे होंगे, उतनी ही देर में फर कोट गीला होगा।’ क्या आपको नहीं लगता कि ऊदबिलाव की घने बालोंवाली खाल के आगे बढ़िया-से-बढ़िया फर कोट भी कुछ नहीं!
खोजकर्ताओं को उम्मीद है कि उनके प्रयोग से नए-नए तरीके ईजाद हो पाएँगे, जिससे ऐसे कपड़े बनाए जा सकेंगे, जो जल्दी गीले न हों। इससे कई लोग शायद सोचें कि गोताखोरों के लिए समुद्री ऊदबिलाव की बालोंवाली खाल जैसे कपड़े पहनना अच्छा होगा!
आपको क्या लगता है? समुद्री ऊदबिलाव की घने बालोंवाली खाल, जो उन्हें गरम रखती है, क्या खुद-ब-खुद बन गयी? या फिर इसे रचा गया था?