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क्या मेरे पास भी क्रेडिट कार्ड होना ज़रूरी है?

क्या मेरे पास भी क्रेडिट कार्ड होना ज़रूरी है?

युवा लोग पूछते हैं . . .

क्या मेरे पास भी क्रेडिट कार्ड होना ज़रूरी है?

“मैं बस सोलह साल की थी जब मुझे पहली बार क्रेडिट कार्ड के लिए पोस्ट द्वारा फॉर्म मिला। . . . और जब मैं अठारह साल की हुई तो मेरे नाम पर करीबन 60,000 डॉलर का कर्ज़ था।”—क्रिस्टन।

शुरू-शुरू में क्रिस्टन ने तय किया था कि सिर्फ मुसीबत के समय ही वह क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करेगी और शायद कभी-कभार ऐसे सामान खरीदने में इस्तेमाल करेगी जिसके लिए उसके पास उस वक्‍त पैसा नहीं होगा। लेकिन कुछ समय बाद, बात उसके काबू के बाहर हो गई। वह मानती है, “मैं हद से ज़्यादा खरीददारी करने लगी और पागलों की तरह जो भी चीज़ बुक्लॆट में नज़र आती उसे मँगवा लेती। यहाँ तक कि मैं उन चीज़ों को भी खरीदने लगी जो मुझे बिलकुल पसंद नहीं थीं।” अब क्रेडिट कार्ड के बारे में क्रिस्टन का नज़रिया कुछ और है। वह कहती है, “मैंने तो सोचा भी नहीं था कि प्लास्टिक का यह छोटा-सा कार्ड मेरी ज़िंदगी ही पलट कर रख देगा।”—टीन मैगज़ीन।

क्रिस्टन की तरह कई नौजवानों का ऐसा ही अनुभव रहा है। आज ज़्यादा से ज़्यादा लड़के-लड़कियाँ प्लास्टिक से बने इस छोटे-से क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके कर्ज़ के दलदल में गिरते जा रहे हैं। इस मामले में कुछ हद तक, कंपनियाँ बड़े ज़बरदस्त तरीके से युवाओं को अपनी जाल में फँसा रही हैं। शायद उन्हें मालूम है कि जो लोग खर्चीले होते हैं वे बड़ी आसानी से क्रेडिट कार्ड के जाल में फँस सकते हैं। पैसों के मामले में सलाह देनेवाली जेन ब्रायन्ट क्विन ने तो कहा कि “क्रेडिट कार्ड एक अफीम के बराबर है। इसे एक इंसान जितना ज़्यादा इस्तेमाल करेगा वह उसका उतना ही गुलाम बनता जाएगा।”

कहा जाता है कि क्रेडिट कार्ड का होना फायदेमंद हो सकता है, खासकर तब जब अचानक कोई आपत्ति आ जाए या जब अपने साथ पैसे ले जाना खतरे से खाली नहीं होता। यही वज़ह है कि क्यों अमरीका और दूसरे देशों में क्रेडिट कार्ड इतना मशहूर हो गया है। लेकिन अगर एक व्यक्‍ति इसका इस्तेमाल अक्लमंदी से नहीं करेगा तो वह कर्ज़ के सागर में डूब जायेगा और उससे बाहर निकलना बहुत ही मुश्‍किल हो सकता है। इसलिए टोरॉन्टो के ग्लोब एंड मेल नामक अखबार में एक रिपोर्ट छपी कि “20 से 23 साल के जो युवा कर्ज़ की वज़ह से टोरॉन्टो के क्रेडिट काउंसिलिंग सर्विस से मदद माँगते हैं,” उनकी गिनती तीन गुना ज़्यादा बढ़ गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के कई नागरिकों का कर्ज़ लगभग 25,000 डॉलर तक पहुँच गया है और इसकी सबसे बड़ी वज़ह है, क्रेडिट कार्ड।

अब सवाल यह है कि क्या आपको भी क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए? यह बात आपके माँ-बाप को तय करना चाहिए। अगर वे चाहते हैं कि आप कुछ समय के लिए रुकें तो आप सब्र कीजिए। अगर आप अभी से सोच-समझकर खर्च करने की आदत डालें तो शायद वो दिन दूर नहीं जब आपके माता-पिता पैसे के मामले में आपको बड़ी-बड़ी ज़िम्मेदारियाँ सौंपेंगे। (लूका 16:10 से तुलना कीजिए।) साथ ही, यह बात याद रखना बहुत ज़रूरी है कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना गाड़ी चलाने के बराबर है, जिसके फायदे भी होते हैं और खतरे भी।

सोच-समझकर कदम उठाना

कोई भी चीज़ खरीदने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना कर्ज़ लेने के बराबर है और हर कर्ज़ का रकम आपको लौटाना ही होता है। (नीतिवचन 22:7) लेकिन कार्ड द्वारा किये गए खर्च की रकम कैसे चुकायी जाती है?

आम तौर पर हर एक महीना खत्म होने से पहले, प्रिंट किया गया एक स्टेटमेंट आपके घर पहुँचाया जाता है जिसमें यह दिखाया जाता है कि महीने भर आपने कार्ड द्वारा क्या-क्या खरीदा था और कुल मिलाकर आपको कितना रकम लौटाना है। स्टेटमेंट में यह भी दिखाया जाता है कि कितने पैसे आपको जल्द-से-जल्द लौटाने हैं। अकसर यह रकम कम होती है। इस वज़ह से आप शायद सोचें, ‘ओह, यह तो बहुत अच्छी बात है! अगर मैं हर महीने निर्धारित रकम लौटाता रहूँ, तो चुटकियों में सारा पैसा चुका दूँगा।’ लेकिन अगर आप हर महीने समय पर अपना निर्धारित रकम नहीं लौटा पाए तब बड़ी समस्या आयेगी। क्योंकि जो रकम आप चुका नहीं पाए उस पर ब्याज चढ़ने लगता है और इस ब्याज की रकम बहुत ज़्यादा हो सकती है। *

अब जोसफ की ही बात लीजिए। उसके मासिक स्टेटमेंट में लगभग 1,000 डॉलर का कर्ज़ दिखाया गया था। बेशक उसे लगा कि उसे हर महीने सिर्फ 20 डॉलर लौटाने हैं। मगर जब उसने स्टेटमेंट को ध्यान से पढ़ा तो उसने देखा कि 20 डॉलर में से 17 डॉलर तो ब्याज में कट रहे हैं। इसका मतलब है कि जोसफ कम से कम रकम यानी 20 डॉलर देने के बावजूद भी अपने एक हज़ार के कर्ज़ में हर महीने सिर्फ तीन डॉलर चुका रहा है।

अगर आप सिर्फ कम से कम रकम देते हैं, तो क्रेडिट कार्ड पर अपना कर्ज़ पूरी तरह चुकाने में कितना वक्‍त लगेगा? इस बात को समझाने के लिए फैड्रल ट्रेड कमिशन और अमेरिकन ऎक्सप्रॆस दोनों ने अपनी एक पुस्तिका में यह उदाहरण दिया: “मान लीजिए, आपका कर्ज़ 2000 डॉलर हैं, 18.5 प्रतिशत ब्याज है और महीने का सबसे कम रकम है, तो आपको अपना सारा कर्ज़ चुकाने के लिए 11 से भी ज़्यादा साल लग जाएँगे। इतना ही नहीं, सिर्फ ब्याज चुकाने के लिए ही आपको 1,934 डॉलर और देने पड़ेंगे, और यह रकम उस रकम से करीब दो गुना होगा जो आपने खरीददारी में लगाया है।”

तो आप देख सकते हैं कि अगर आप सावधान नहीं रहेंगे तो एक छोटा-सा क्रेडिट कार्ड लेकर आप अपने लिए कर्ज़ का एक बड़ा गड्डा खोद रहे होंगे। क्रिस्टन कहती है, “देखा जाए तो, हर सामान के लिए मैं दो गुना दाम दे रही थी। और जब कर्ज़ चुकाने में देरी होने लगी तो मुझे इस देरी के लिए ऊपर से जुर्माना भरने के लिए कहा गया। मैं तो ऐसे फँस गई थी कि बचने का कोई रास्ता ही नहीं सूझ रहा था।”

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल, होशियारी से

इस कड़वी सच्चाई को अनुभव करने के बाद क्रिस्टन ने सीखा कि “अभी खरीदो, बाद में चुकाओ” वाली तरकीब कितनी खतरनाक है। ऐसी तरकीबों से आपका कर्ज़ बढ़ता जायेगा और पता लगने से पहले, महीने का सबसे कम रकम, आपके सामान के असली दाम से कहीं ज़्यादा होगा। तो फिर इस जाल से बचने के लिए कुछ लोग किस तरह क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल होशियारी से करते हैं?

● वे हर खरीददारी का हिसाब रखते हैं और महीने की स्टेटमेंट को ध्यान से पढ़ते हैं, ताकि वे अपने ही खरीदे हुए सामानों का दाम चुकाएँ, गलती से दूसरों का नहीं।

● वे जल्द से जल्द रकम चुकाने की कोशिश करते हैं ताकि वे एक अच्छा नाम कमा सकें। यह अच्छा नाम भविष्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, खासकर तब जब वे नौकरी के लिए अर्ज़ी देते हैं, या बीमा करवाना चाहते हैं, या गाड़ी या घर खरीदना चाहते हैं।

● जहाँ तक हो सके, वे समय पर पूरा पैसा चुकाने की कोशिश करते हैं ताकि बाद में भारी ब्याज देने की नौबत न आए।

● वे अपने क्रेडिट कार्ड का नंबर या खत्म होने की तारीख, फोन पर किसी को बताने से पहले यह सही-सही पता करते हैं कि वे जिसके साथ फोन पर बात कर रहे हैं वह उसी की क्रेडिट कंपनी का व्यक्‍ति है या नहीं।

● वे अपना क्रेडिट कार्ड दूसरों को इस्तेमाल करने के लिए कभी नहीं देते, यहाँ तक कि अपने दोस्त को भी नहीं। क्योंकि इसके गलत इस्तेमाल से उन्हें खुद को ही नुकसान भरना होगा।

● वे इसे एक बैंक कार्ड नहीं समझते कि जब जी चाहे तब बैंक से पैसे निकालने का कोई ज़रिया हो। याद रखिए कि कर्ज़ पर लिए गए पैसे का ब्याज खरीददारी में चुकाए गए दाम के ब्याज से कहीं ज़्यादा हो सकता है।

● वे हर कंपनी के क्रेडिट कार्ड के फॉर्म को भरकर नहीं भेजते। आम तौर पर एक युवा के लिए एक ही क्रेडिट कार्ड का होना काफी है।

● वे सोच-समझकर क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं। और यह कभी नहीं भूलते कि क्रेडिट कार्ड के ज़रिए कोई चीज़ खरीदते वक्‍त हालाँकि उन्हें पैसे नहीं देना पड़ता है फिर भी असल में वे पैसे खर्च कर रहे हैं।

फायदे का आनंद उठाइये

चाहे आपके पास अभी क्रेडिट कार्ड हो या आप आगे चलकर लेने की सोच रहे हैं, लेकिन क्रेडिट कार्ड के फायदे और नुकसान से अच्छी तरह वाकिफ होना बहुत ज़रूरी है। अपने आप से ये सवाल पूछिए: मैं दरअसल क्रेडिट कार्ड क्यों लेना चाहता हूँ? क्या इसलिए कि मैं ज़्यादा-से-ज़्यादा चीज़ें बटोर सकूँ, हर नए फैशन के सामान खरीद सकूँ, और दोस्तों की वाह-वाही पा सकूँ? या क्या मुझे पौलुस के कहे अनुसार “खाने और पहिनने” जैसी ज़रूरी चीज़ों से खुश रहना सीखना चाहिए? (1 तीमुथियुस 6:8) क्या क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से मैं इस कदर कर्ज़ के बोझ तले दब जाऊँगा कि मैं ज़िंदगी की अहम बातों को भूलने पर मजबूर हो जाऊँ?—मत्ती 6:33; फिलिप्पियों 1:8-11.

इन सवालों पर मन लगाकर सोचिए और अपने माँ-बाप से इस विषय में बात कीजिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो चाहे आपके पास क्रेडिट कार्ड हो या नहीं, आप पैसे से जुड़े बुरे अंजामों से बचे रहेंगे जो आज कई लोग अपने ऊपर मोल लेते हैं।—नीतिवचन 22:3.

[फुटनोट]

^ किसी क्रेडिट कार्ड कंपनी के मासिक स्टेटमेंट या फॉर्म को पढ़कर आप जान सकते हैं कि वह कंपनी एक साल के लिए कितना ब्याज लेती है।

[पेज 24 पर बक्स]

माँ-बाप की मंज़ूरी लेना क्यों ज़रूरी है

बहुत-से युवाओं को क्रेडिट कार्ड पाने का पहला मौका तब मिलता है जब उन्हें पोस्ट द्वारा फॉर्म मिलता है। दरअसल समय बीतते-बीतते कुछ युवाओं को एक-के-बाद-एक फॉर्म मिलने लगते हैं। जेन ब्रायंट क्विन कहती है, “एक रिपोर्ट के मुताबिक आम तौर पर युवा लोग सबसे पहले जिस कंपनी का क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं उसी पर टिके रहते हैं। इसलिए क्रेडिट कार्ड बनानेवाली कंपनियों में काफी मुकाबला होता है कि कौन सबसे पहले युवाओं के पास अपना क्रेडिट कार्ड लेकर पहुँचेगा।”

क्रेडिट कार्ड के फॉर्म पर अकसर माँ-बाप का या घर के बड़ों का दस्तखत लिया जाता है, जिसका कर्ज़ चुकाने का अच्छा नाम हो। इससे युवा की तरफ से इन कंपनियों को गारंटी मिलती है कि खरीदी हुई चीज़ का पैसा ज़रूर लौटाया जाएगा। लेकिन अफसोस की बात है कि माँ-बाप या किसी बड़े का दस्तखत लेने से बच निकलने के लिए बहुत-से युवक धोखाधड़ी करते हैं। एक लड़की ने क्रेडिट कार्ड लेने के लिए बेइमानी की। उसने फॉर्म पर पहले अपनी दादी का नाम लिखा, साथ ही अपना नाम भी लिख दिया। इस करतूत के बारे में दादी को कोई खबर न थी। ज़रा सोचिए, उसकी दादी की क्या हालत हुई होगी जब उसे पता चला कि उसके नाम पर हज़ारों डॉलर का कर्ज़ है!

क्रेडिट कार्ड के फॉर्म पर माँ-बाप या घर के बड़ों की झूठी दस्तखत करना बेईमानी है और परमेश्‍वर बेईमानी की निंदा करता है। (नीतिवचन 11:1; इब्रानियों 13:18) इसलिए अगर आपको क्रेडिट कार्ड चाहिए, तो अपने माँ-बाप से बात कीजिए। उनकी मंज़ूरी लेने से आगे चलकर आप ही को फायदा होगा। क्योंकि हो सकता है आपके माँ-बाप को कर्ज़ चुकाने का अनुभव हो और वे आपको अच्छी सलाह देने के काबिल हों। उनसे बात कीजिए और कभी-भी बेईमानी से क्रेडिट कार्ड हासिल करने की कोशिश मत कीजिए।

[पेज 23 पर तसवीर]

क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में लापरवाही आपको तबाही की ओर ले जा सकती है