क्या आप एक नई भाषा सीखना चाहते हैं?
क्या आप एक नई भाषा सीखना चाहते हैं?
ब्रिटॆन के सजग होइए! संवाददाता द्वारा
“कहना आसान है, करना मुश्किल!” एक नई भाषा सीखने के बारे में कई लोगों का यही कहना है। यह कहावत खासकर तब सच साबित होती है जब वे नई भाषा सीखना शुरू करते हैं। माना कि नई भाषा सीखना आसान नहीं है मगर जो लोग इसे सीखने में सफल हुए हैं, उनका कहना है कि उनकी मेहनत बेकार नहीं गई।
एक नई भाषा सीखने की कई वज़ह हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, ऐन्ड्रू को लीजिए। वह फ्रांस में छुट्टी बिताने जा रहा था इसलिए वह वहाँ की भाषा सीखना चाहता था ताकि वहाँ के लोगों से बातचीत कर सके। हालाँकि ग्वीडो इंग्लैंड में पैदा हुआ था मगर उसका परिवार इटैलियन था। वह कहता है, “मुझे थोड़ी-सी इटैलियन आती थी मगर मैं इसे अच्छी तरह बोल सकूँ इसलिए मैं और सीखना चाहता था।” जोनाथन का भाई हाल ही में विदेश गया था, वहाँ उसने एक स्पैनिश लड़की से शादी कर ली। जोनाथन कहता है कि मैंने एक नई भाषा इसलिए सीखी ताकि “जब मैं अपने भाई से मिलने जाऊँ तो अपने नए रिश्तेदारों से उनकी मातृभाषा में बात कर सकूँ।”
मगर एक नई भाषा सीखने के बहुत-से दूसरे फायदे भी होते हैं। जैसे कि लुवीज़ बताती है कि “इससे मुझमें दूसरों के प्रति हमदर्दी की भावना बढ़ी है, और अब मैं अच्छी तरह समझ सकती हूँ कि जब लोग विदेश जाते है तब उन्हें कैसा लगता है। क्योंकि वहाँ पर ऐसी भाषा बोली जाती है जो उनके लिए बिलकुल नई है।” एक नई भाषा सीखने से पैमला को भी व्यक्तिगत रूप से फायदा हुआ। जबकि उसका परिवार चीन से आया था लेकिन इंग्लैंड में बड़ी होने के कारण वह चीनी भाषा बहुत कम जानती थी। इस वज़ह से अपनी माँ के साथ उसके रिश्ते में दरार पैदा हो गई। पैमला कहती है: “सच कहूँ तो हम दोनों के बीच बहुत कम बातचीत होती थी।” मगर अब मैं चीनी भाषा अच्छी तरह बोलना सीख गई हूँ, और हमारे रिश्ते में वो दरार नहीं रही, अब हम एक दूसरे के बहुत करीब आ गई हैं।
कामयाबी के लिए मदद
अगर आप एक नई भाषा सीखने में कामयाब होना चाहते हैं तो आपको किन चीज़ों से मदद मिल सकती है? बहुत-से लोग जो सफल हुए हैं वे इन चीज़ों पर ज़ोर देते हैं।
• प्रेरणा। जी हाँ, हर इंसान को अपनी मंज़िल तक पहुँचने के लिए प्रेरणा की ज़रूरत होती है। वही छात्र कामयाब होते हैं जिनके पास प्रेरणा होती है।
• नम्रता। अगर आपने नई भाषा सीखना अभी-अभी शुरू किया है तो अपने से ज़्यादा की उम्मीद न करें क्योंकि गलतियाँ तो ज़रूर होंगी। ऎलसन कहती है: “लोग आप पर हँसेंगे मगर आपको हार नहीं माननी चाहिए बल्कि दूसरों के साथ अपने आप पर भी हँसना सीखिए।” वॆलरी भी यही कहती है: “हम एक बच्चे की तरह होते हैं जो चलना सीख रहा होता है। कई बार हमसे गलतियाँ भी होगी मगर हमें हार मानने के बजाय दोबारा कोशिश करनी चाहिए।”
• सहनशीलता। “जब मैं नई भाषा सीख रहा था तो पहले दो साल, मेरे लिए बहुत ही मुश्किल थे और कभी-कभी मेरा मन कहता कि अब बहुत हो चुका, मुझसे और नहीं होगा।” ऐसा डेविड का कहना था मगर फिर भी वह मानता है कि “कुछ समय बीतने पर नई भाषा को सीखना आसान हो जाता है।” जिल का भी यही मानना है। वह कहती है: “जब तक
आप रुककर इस बात पर गौर नहीं करते कि पहले से आपने कितना सीख लिया है, तब तक आपको नहीं लगेगा कि आप ने कोई तरक्की की है।”• अभ्यास करना। नई भाषा के लिए समय निकालकर लगातार अभ्यास करने से आप उस भाषा को आसानी से बोल पाएँगे। इसलिए हर दिन अभ्यास करने की कोशिश कीजिए चाहे कुछ मिनट के लिए ही क्यों न हो। जैसे कि एक किताब में लिखा है कि “‘ज़्यादा मगर कभी-कभार’ से तो ‘थोड़ा मगर बार-बार’ अभ्यास करना अच्छा है।”
फायदेमंद तरीके
क्या आप नई भाषा सीखने की चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं? यदि हाँ तो नीचे दिए गए तरीके आपको इस चुनौती को पूरा करने में मदद करेंगे।
• फ्लैश कार्डस्। हर कार्ड में एक शब्द या एक वाक्य लिखा होता है और उस शब्द या वाक्य का अनुवाद कार्ड के पीछे होता है। जहाँ आप रहते हैं अगर वहाँ ये कार्ड उपलब्ध नहीं हैं तो आप खुद ऐसे कार्डस् बनाकर उन्हें एक फोल्डर में रख सकते हैं।
• भाषाओं पर जानकारी देनेवाले ऑडियो और वीडियो कैसट्स। ये कैसट्स सुनने से आपको पता चलेगा कि एक भाषा को सही तरीके से कैसे बोला जाता है। उदाहरण के लिए, डेविड ने जापानी भाषा की मूल बातें सीख ली। कैसे? गाड़ी चलाते वक्त वह जापानी भाषा में एक ऑडियो कैसट सुनता था जो पर्यटक किताब के साथ उसे मिला था।
• दोतरफा कंप्यूटर प्रोग्राम। ये ऐसे प्रोग्राम हैं जो पहले आपकी आवाज़ को रिकॉर्ड करते हैं फिर जिस देश में वह भाषा बोली जाती है वहाँ के लोगों के उच्चारण की तुलना आपके उच्चारण से करते हैं।
• रेडियो और टॆलिविज़न। जिस भाषा को आप सीखने की कोशिश कर रहे हैं अगर आपके इलाके में ऐसी भाषा में प्रोग्राम सुनाए और दिखाए जाते हैं तो क्यों न आप ऐसे प्रोग्राम को देखकर इन्हें समझने की कोशिश करें?
• पत्रिकाएँ और किताबें। जो भाषा आप सीख रहे हैं, उस भाषा में पत्रिकाएँ और किताबें पढ़ने की कोशिश कीजिए। पर यह ध्यान में रखिए कि ऐसी किताबें और पत्रिकाएँ समझ के बाहर न हों और न ही बहुत आसान हों। *
भाषा में माहिर होना
यह सच है कि जो भाषा आप सीख रहे हैं, उसमें कभी-न-कभी आपको उन लोगों से बातचीत करनी होगी जो उस भाषा को बोलते हैं। इसके लिए यह ज़रूरी नहीं है कि आप कहीं दूर किसी देश में जाएँ। बल्कि आप अपने ही देश में यहोवा के साक्षियों की किसी भी विदेशी-भाषा की कलीसिया में जा सकते हैं।
इसके बारे में आप चाहे जो भी फैसला करें, आपका मकसद यह होना चाहिए कि अपनी मातृभाषा के शब्दों और वाक्यों को अनुवाद करने के बजाय नई भाषा में सोचना सीखें। जिस भाषा को आप सीख रहे हैं, उस भाषा के लोगों के रीति-रिवाज़ और आदतों के बारे में कुछ जानकारी लेने से आपको शायद मदद मिले। भाषा के विशेषज्ञ रॉबर्ट लाडो का कहना है: “हम नई भाषा में तब तक माहिर नहीं होंगे जब तक हम उस भाषा की खासियत और संस्कृति की अहमियत को नहीं समझेंगे।”
एक आखिरी सलाह: जब आपको लगे कि आप नई भाषा सीखने में ज़्यादा कामयाब नहीं हो रहे हैं तो हिम्मत मत हारिए। किसी नई भाषा को सिर्फ एक बार में नहीं सीख लिया जाता, इसे लगातार सीखना पड़ता है। जिल जिसने 20 साल पहले साइन लैंगवेज सीखी थी, वह कहती है: “मैंने अब तक इसे सीखना बंद नहीं किया है क्योंकि भाषा में नई-नई चीज़ें बार-बार सीखने को मिलती हैं।”
तो क्या आप एक नई भाषा सीखना पसंद करेंगे? यदि हाँ, तो इसके लिए कमर कसकर तैयार हो जाइए क्योंकि ऐसा करना आसान नहीं होगा मगर कोशिश करने पर आपको फायदे ज़रूर होंगे।
[फुटनोट]
^ सजग होइए! पत्रिका अब 82 भाषाओं में उपलब्ध है और इसके साथ प्रहरीदुर्ग पत्रिका को 132 भाषाओं में छापा जाता है। बहुत-से लोगों को नई भाषा सीखने में इन पत्रिकाओं से बहुत मदद मिली है क्योंकि इनकी भाषा आसान होती है।
[पेज 12, 13 पर तसवीरें]
आप अपने शब्द-ज्ञान को बढ़ा सकते हैं . . .
. . . अपनी मातृभाषा की तुलना नई भाषा के साथ करके