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सुझाव 2 अपने शरीर की बुनियादी ज़रूरतें पूरी कीजिए

सुझाव 2 अपने शरीर की बुनियादी ज़रूरतें पूरी कीजिए

सुझाव 2 अपने शरीर की बुनियादी ज़रूरतें पूरी कीजिए

“कोई भी इंसान अपने शरीर से कभी नफरत नहीं करता, बल्कि वह उसे खिलाता-पिलाता है और उसे अनमोल समझकर बड़े प्यार से उसकी देखभाल करता है।”—इफिसियों 5:29. कुछ बुनियादी कदम उठाकर आप अपनी सेहत में ज़मीन-आसमान का फर्क ला सकते हैं।

भरपूर आराम कीजिए। “चैन के साथ एक मुट्ठी उन दो मुट्ठियों से अच्छा है, जिनके साथ परिश्रम और मन का कुढ़ना हो।” (सभोपदेशक 4:6) भाग-दौड़ से भरी इस ज़िंदगी में लोगों के पास इतना वक्‍त नहीं कि वे भरपूर नींद ले सकें, जबकि अच्छी सेहत के लिए यह बेहद ज़रूरी है। अध्ययन दिखाते हैं कि सोते वक्‍त हमारा शरीर और दिमाग खुद की मरम्मत करते हैं, जिससे हमारी याददाश्‍त तेज़ होती है और मूड पर अच्छा असर पड़ता है।

भरपूर नींद लेने से हमारे अंदर बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है। साथ ही संक्रमण, डायबिटीज़, स्ट्रोक, दिल की बीमारी, कैंसर, मोटापा, तनाव और शायद अलज़ाइमर्स (भूलने की बीमारी) होने का खतरा कम हो जाता है। अगर हमें नींद आती है तो इसका मतलब है कि हमें आराम की ज़रूरत है। अगर हम मिठाई, चाय-कॉफी या कुछ और लेकर नींद भगाने की कोशिश करेंगे तो हम अपने शरीर की आवाज़ को अनसुनी कर रहे होंगे। इसलिए जब भी नींद आए तो थोड़ी देर सोना अच्छा होगा। ज़्यादातर बड़े लोगों को रात में सात से आठ घंटे की नींद की ज़रूरत होती है, ताकि वे पूरे दिन चुस्ती से काम कर सकें और तरो-ताज़ा महसूस करें। जवानों के लिए तो यह और भी ज़रूरी है। जो जवान पूरी नींद नहीं लेते, उनमें मानसिक रोगों से घिरने और गाड़ी चलाते वक्‍त सो जाने की गुंजाइश ज़्यादा होती है।

बीमारी में सोना और भी ज़रूरी होता है। अगर हम थोड़ी ज़्यादा देर सो जाएँ और ढेर सारा तरल पदार्थ पीएँ, तो हमारा शरीर सर्दी-ज़ुकाम जैसी कुछ बीमारियों से बचा रहेगा।

दाँतों की देखभाल कीजिए। खाना खाने के बाद और खासकर सोने से पहले अगर आप अपने दाँतों को ब्रश और फ्लॉस करें, तो आप दाँतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी से बचे रहेंगे, साथ ही आपके दाँत मज़बूत होंगे। यह ज़रूरी है क्योंकि जब दाँत गिर जाते हैं तो हम ठीक से खाना नहीं चबा पाते और हमें पूरा पोषण नहीं मिलता। एक रिपोर्ट के मुताबिक हाथियों की मौत बूढ़े होने से नहीं बल्कि भूख की वजह से होती है, क्योंकि दाँत टूटने की वजह से वे ठीक से खाना चबा नहीं पाते। जिन लोगों को बचपन से खाना खाने के बाद दाँतों को ब्रश करना और फ्लॉस करना सिखाया जाता है, वे अपनी पूरी ज़िंदगी अच्छी सेहत का मज़ा उठा पाते हैं।

डॉक्टर को दिखाइए। कुछ बीमारियाँ इलाज कराने से ही ठीक होती हैं। अगर शुरू में ही बीमारी का पता चल जाए तो अकसर बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है और खर्च भी कम होता है। इसलिए अगर आपकी तबियत खराब है तो सिर्फ बीमारी के लक्षणों को ठीक करने के बजाय डॉक्टर को दिखाइए और बीमारी को जड़ से मिटाने की कोशिश कीजिए।

मान्यता प्राप्त चिकित्सकों के यहाँ नियमित जाँच कराने से आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकेंगे। इसी तरह गर्भावस्था के दौरान भी अच्छे डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। * लेकिन याद रखिए, डॉक्टर चमत्कार नहीं कर सकते। हम पूरी तरह बीमारियों से तभी निजात पा सकेंगे जब परमेश्‍वर “सबकुछ नया” कर देगा।—प्रकाशितवाक्य 21:4, 5. (g11-E 03)

[फुटनोट]

^ कृपया जुलाई-सितंबर 2010 की सजग होइए! में दिया लेख “जच्चा स्वस्थ तो बच्चा स्वस्थ” देखिए।