सॆंट्रल अफ्रीका में लोग परमेश्वर का नाम इस्तेमाल करते हैं
सॆंट्रल अफ्रीका में लोग परमेश्वर का नाम इस्तेमाल करते हैं
सॆंट्रल अफ्रीका के ज़्यादातर लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं। उन्हें पूरा यकीन है कि परमेश्वर ने ही सब कुछ बनाया है। (प्रकाशितवाक्य 4:11) लेकिन दूसरे देश के ज़्यादातर लोगों की तरह वे भी अकसर परमेश्वर को उसके अपने नाम, यहोवा से नहीं पुकारते।
सॆंट्रल अफ्रीका और दुनिया के दूसरे हिस्सों के लोग, प्रभु की प्रार्थना में परमेश्वर के नाम के बारे में कहते हैं, “तेरा नाम पवित्र माना जाए।” (मत्ती 6:9) मगर एक लंबे अरसे तक सिर्फ कुछ लोग परमेश्वर का नाम जानते थे। पिछले कई सालों में, यहोवा के साक्षियों ने जोश के साथ प्रचार किया है और इस वजह से लोग परमेश्वर का नाम लेने लगे हैं। आज अफ्रीका में ज़्यादातर लोग परमेश्वर का नाम जानते हैं और उनकी बहुत-सी भाषाओं में यह नाम मौजूद है, जैसे ज़ुलू (यूजीहोवा), योरुबा (जीहोफा), हौसा (यूयीहोवा) और स्वाहिली (यीहोवा)। लेकिन फिर भी इन भाषाओं के बाइबल अनुवाद अब भी परमेश्वर के नाम का ज़िक्र नहीं करते।
लेकिन ज़ांडे भाषा की बाइबल एक ऐसा बढ़िया अनुवाद है जिसमें परमेश्वर के नाम का ज़िक्र है। यह भाषा सॆंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, सूडान और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में बोली जाती है। विश्व के उस हिस्से में लोग परमेश्वर का नाम लेते हैं, उनकी अपनी भाषा में इसका उच्चारण यीकोवा है। अलग-अलग भाषाओं में चाहे परमेश्वर का नाम किसी भी तरह क्यों न लिखा जाता हो, ज़रूरी बात तो यह है कि हम उसका नाम लें। क्यों? क्योंकि “जो कोई प्रभु [“यहोवा,” NW] का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा।”—रोमियों 10:13.
[पेज 32 पर नक्शा/तसवीर]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
सूडान
सॆंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो
[चित्र का श्रेय]
The Complete Encyclopedia of Illustration/J. G. Heck