उनका क्या हुआ?
उनका क्या हुआ?
एक वक्त में मेम्फिस और थीब्ज़, मिस्र की मशहूर राजधानियाँ थीं। इन्हें बाइबल में नोप और नोह के नाम से जाना जाता है। उस समय नोप (मेम्फिस) नील नदी के पश्चिम में और कायरो से करीब 23 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में स्थित था। मगर एक वक्त आया जब मेम्फिस मिस्र की राजधानी नहीं रहा। सामान्य युग पूर्व पंद्रहवीं सदी की शुरूआत में नोह (थीब्ज़) मिस्र की नयी राजधानी बन गया जो मेम्फिस के दक्षिण में करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था। थीब्ज़ में कई मंदिर खँडहर हो चुके हैं जिनमें से एक है कारनक मंदिर। कहा जाता है कि खंभो से बनायी गयी इसकी इमारत, दुनिया में अब तक की सबसे विशाल इमारत है। थीब्ज़ और उसका कारनक मंदिर, मिस्रियों के प्रधान देवता, आमोन की उपासना को समर्पित था।
बाइबल में मेम्फिस और थीब्ज़ के बारे में क्या भविष्यवाणी की गयी थी? मिस्र के फिरौन और उसके देवी-देवताओं, खासकर उसके प्रधान देवता “नोह के आमोन” के विरुद्ध न्यायदंड सुनाया गया था। (यिर्मयाह 46:25, 26; NHT) यह बताया गया था कि नोह में जमा होनेवाले उसके भक्तों की भीड़ का पूरी तरह “अन्त” कर दिया जाएगा। (यहेजकेल 30:14, 15) और ऐसा हुआ भी। आज आमोन की उपासना के सबूत के नाम पर सिर्फ उसके मंदिरों के खँडहर पड़े हैं। एक ज़माने में जहाँ थीब्ज़ हुआ करता था अब उसके एक भाग में लुक्सर शहर है और उसके खँडहरों में चंद छोटे-छोटे गाँव बस गए हैं।
जहाँ तक मेम्फिस का सवाल है, वहाँ कब्रिस्तानों के अलावा और कुछ नहीं बचा है। बाइबल के विद्वान लुइस गोल्डिंग का कहना है: “सैकड़ों सालों से मिस्र को जीतनेवाले अरबियों ने मेम्फिस के खँडहरों में से ढेर सारी बड़ी-बड़ी चीज़ों का इस्तेमाल करके नदी के दूसरे अलंग पर अपनी राजधानी [कायरो] बनायी। अरब के कामगार, खँडहरों की एक-एक चीज़ उठाकर ले गए और ऊपर से नील के मलबे ने भी वहाँ के बचे-खुचे खँडहरों को इस तरह ढाँप लिया कि कई मीलों तक उस प्राचीन शहर के इलाके में मेम्फिस का एक भी पत्थर बाहर नज़र नहीं आता।” बाइबल में मेम्फिस के बारे में जो भविष्यवाणी की गयी थी कि वह “नगर उजाड़ [हो जाएगा] और . . . उस में कोई भी न रहेगा,” वैसा ही हुआ।—यिर्मयाह 46:19.
यहाँ तो सिर्फ दो उदाहरण बताए गए हैं, मगर ऐसे कई उदाहरण हैं जो बाइबल की भविष्यवाणियों के सच होने का सबूत देते हैं। थीब्ज़ और मेम्फिस की तबाही हमें बाइबल की उन भविष्यवाणियों के पूरा होने का यकीन दिलाती है जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।—भजन 37:10, 11, 29; लूका 23:43, NW; प्रकाशितवाक्य 21:3-5.
[पेज 32 पर चित्र का श्रेय]
Photograph taken by courtesy of the British Museum