प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2003 ढेरों सवाल—सही जवाब बहुत कम परमेश्वर की तरफ से कार्यवाही—हम क्या उम्मीद कर सकते हैं? “ताज्जुब है, मैंने इसके बारे में कभी नहीं सुना था!” धार्मिकता की खातिर ज़ुल्म सहना परीक्षाओं में धीरज धरने से यहोवा की स्तुति होती है अनुशासन का मकसद समझना यहोवा दीन लोगों को सच्चाई की तरफ खींचता है पाठकों के प्रश्न एक कहानी जो हमारा विश्वास और हौसला बढ़ाती है—यूक्रेन में यहोवा के साक्षी क्या आप ‘पैने पर लात मार’ रहे हैं? क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले? प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2003 प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2003 हिंदी प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2003 https://assetsnffrgf-a.akamaihd.net/assets/ct/1add6d1d93/images/cvr_placeholder.jpg