क्या परमेश्वर हमारी समस्याओं के लिए ज़िम्मेदार है?
क्या परमेश्वर हमारी समस्याओं के लिए ज़िम्मेदार है?
मेरीअन की बेटी को सिर पर गहरी चोट लगी। * ऐसे में मेरीअन ने वही किया जो हममें से ज़्यादातर लोग करते हैं। उसने मदद के लिए परमेश्वर को पुकारा। वह कहती है: “मैंने ज़िंदगी में पहले कभी अपने आपको इतना अकेला और बेसहारा महसूस नहीं किया।” बाद में जब उसकी बेटी की हालत और बिगड़ गयी, तो परमेश्वर के बारे में उसके मन में संदेह पैदा होने लगे। मेरीअन ने खुद से पूछा कि “आखिर मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है?” वह समझ नहीं पा रही थी कि प्यार और परवाह करनेवाला परमेश्वर उसे ऐसी हालत में अकेला कैसे छोड़ सकता है।
दुनिया के अनगिनत लोग मेरीअन की तरह दुःख झेल रहे हैं। मुसीबत की घड़ी में उन्हें लगता है मानो परमेश्वर ने उन्हें छोड़ दिया है। लीसा के नाती के कत्ल के बाद उसने कहा: “आज भी मुझे यह सवाल खाए जाता है कि ‘आखिर परमेश्वर ने ऐसा क्यों होने दिया।’ इस घटना से परमेश्वर पर मेरा विश्वास पूरी तरह खत्म तो नहीं हुआ है, मगर यह पहले जैसा मज़बूत नहीं रहा।” उसी तरह, जब एक स्त्री के दूध-पीते बच्चे को बेवजह मार डाला गया तो उसने कहा: “इस हादसे के बाद, परमेश्वर ने मुझे ज़रा भी दिलासा नहीं दिया। उसने यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं दिया कि वह मेरी परवाह करता है और मुझसे हमदर्दी रखता है।” उस स्त्री ने आगे कहा: “मैं परमेश्वर को कभी माफ नहीं करूँगी।”
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दुनिया की हालत देखकर परमेश्वर से नफरत करने लगे हैं। वे देखते हैं कि कई देशों में लोग गरीबी और भुखमरी की मार झेल रहे हैं, युद्ध के शरणार्थियों के लिए कोई आशा नहीं है, एड्स ने अनगिनत बच्चों से उनके माँ-बाप छीन लिए हैं और लाखों लोग दूसरी बीमारियों से तड़प रहे हैं। ऐसे दिल-दहलानेवाले हालात देखकर कई लोग परमेश्वर को दोषी ठहराते हैं कि वह कुछ करता क्यों नहीं।
लेकिन सच्चाई यह है कि जो समस्याएँ इंसान पर कहर ढा रही हैं, उनके लिए परमेश्वर ज़िम्मेदार नहीं है। दरअसल, इस बात की ठोस वजह मौजूद हैं कि बहुत जल्द परमेश्वर इंसान के सारे दुःख दूर कर देगा। हम आपसे गुज़ारिश करते हैं कि आप अगला लेख ज़रूर पढ़ें और देखें कि परमेश्वर वाकई हमारी परवाह करता है।
[फुटनोट]
^ नाम बदल दिए गए हैं।