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क्या यह जानकारी हमारे लिए बहुत ज़्यादा है?

क्या यह जानकारी हमारे लिए बहुत ज़्यादा है?

क्या यह जानकारी हमारे लिए बहुत ज़्यादा है?

एक मिशनरी जोड़ा, पश्‍चिम अफ्रीका के एक समुद्र किनारे बैठे रुपहले चाँद को निहार रहा था। पति ने कहा: “इंसान अब तक चाँद के बारे में कितनी जानकारी हासिल कर चुका है और अभी भी उसे कितना कुछ जानना है?”

पत्नी ने कहा: “मान लो अगर हम धरती को भी इसी तरह धीरे-धीरे सरकते हुए देख पाते जैसे हम चाँद को देख रहे हैं, तो हम शायद यही कहते कि धरती पर इंसान ने भले ही ज्ञान का भंडार लगा लिया है, फिर भी उसके लिए कितना कुछ जानना बाकी है, है ना? ज़रा सोचिए! न सिर्फ धरती, सूरज के चारों ओर घूम रही है, बल्कि हमारा पूरा सौर मंडल भी चक्कर काट रहा है। इसका मतलब है कि आज हम विश्‍व में जहाँ हैं, वहाँ शायद फिर कभी नहीं होंगे। दरअसल, सूरज और तारों से हमारी दूरी को ध्यान में रखते हुए हम इतना जानते हैं कि अंतरिक्ष में आज हम कहाँ हैं। हम कुछ विषयों के बारे में कितना कुछ जानते हैं, लेकिन हमें इतना भी नहीं मालूम कि इस पूरे जहान में हम ठीक किस जगह पर हैं!”

उस मिशनरी जोड़े की बातचीत में कुछ बुनियादी सच्चाइयों का ज़िक्र है। ऐसा लगता है कि हमें न जाने और भी कितना कुछ सीखना है। बेशक, हममें से हरेक जन रोज़ नयी-नयी बातें सीखता है। चाहे हम कितना कुछ क्यों न सीख लें, मगर वे सारी बातें नहीं सीख पाते हैं जिनकी हम उम्मीद करते हैं और ना ही इतनी जल्दी सीख पाते हैं जितनी कि हम ख्वाहिश रखते हैं।

यह सच है कि नयी-नयी बातें सीखने की काबिलीयत के अलावा, अब तक इकट्ठी की गयी जानकारी को सँजोकर रखने की काबिलीयत भी बहुत बढ़ गयी है। टेक्नॉलजी की बदौलत तो आज पूरी दुनिया ने मिलकर जानकारी का अंबार लगा दिया है। कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में अब जानकारी जमा करने की इतनी ज़्यादा क्षमता है कि इसके लिए गणित में नए-नए नाम ईजाद करने पड़े हैं। एक साधारण-से सीडी-रॉम में जानकारी का भंडार समा सकता है। बताया जाता है कि उसमें 680 मेगाबाइट्‌स या उससे भी ज़्यादा जगह होती है। एक आम डीवीडी में सीडी-रॉम से करीब सात गुना ज़्यादा जानकारी समा सकती है, और अब उससे भी ज़्यादा क्षमतावाले डीवीडी तैयार किए जा रहे हैं।

आज इंसान ने दूसरों तक जानकारी पहुँचाने के ऐसे-ऐसे तरीके ईजाद कर लिए हैं कि उन्हें समझना भी हमारे बस के बाहर लगता है। रोटरी प्रेस तो मानो बिजली की रफ्तार से चलती हैं और अखबारों, पत्रिकाओं और किताबों का ढेर लगा देती हैं। कंप्यूटर पर इंटरनेट इस्तेमाल करनेवालों के लिए बस माऊस दबाने की देर है कि उनके सामने जानकारी का अंबार लग जाता है। इस तरह और कई और तरीकों से हमें इतनी ज़्यादा और इतनी तेज़ जानकारी दी जा रही है कि कोई भी यह सारी जानकारी नहीं ले सकता। इस तमाम जानकारी की तुलना कभी-कभी एक बड़े सागर से की जाती है, जिसका सारा पानी अंदर लेने के बजाय हमें बचने के लिए इसमें तैरना सीखने की ज़रूरत है। जब हमारे सामने जानकारी का इतना बड़ा भंडार है, तो हमें बहुत सोच-समझकर चुनाव करने की ज़रूरत है।

जानकारी का चुनाव करने का एक और कारण यह है कि आज दुनिया में मौजूद ज़्यादातर जानकारी बेफायदे की है। दरअसल कुछ तो नुकसानदेह भी है, इसलिए उसे न लेना ही बेहतर है। याद रखें कि ज्ञान का मतलब है, ऐसी तमाम जानकारी जो अच्छी भी हो सकती है और बुरी भी, फायदेमंद भी हो सकती है और नुकसानदेह भी। और-तो-और, कुछ बातें सच नहीं होतीं मगर फिर भी लोग उन्हें सच मानते हैं। कितनी ही बार बड़े-बड़े अधिकारियों की कही बातें बाद में गलत साबित हुई हैं। मसलन, प्राचीन इफिसुस शहर के मंत्री के बारे में सोचिए जिसे वहाँ के लोग एक जानकार अधिकारी मानते थे। उसने दावे के साथ कहा: “हे इफिसुस के लोगो, ऐसा कौन मनुष्य है, जो नहीं जानता कि इफिसुस का यह नगर महान देवी अरतिमिस के मन्दिर और आकाश से गिरी हुई मूर्ति का संरक्षक है?” (प्रेरितों 19:35, 36, NHT) हालाँकि ऐसा लगता है कि उस अधिकारी की यह बात हर कोई जानता था, और किसी ने उस पर सवाल भी खड़ा नहीं किया, मगर उस ज़माने में भी कई लोग यही कहते कि वह मूर्ति आसमान से नहीं गिरी थी। इसीलिए पवित्र बाइबल मसीहियों को सही वजह से आगाह करती है कि वे उस “ज्ञान” से खबरदार रहें जिसे “ज्ञान कहना ही भूल है।”—1 तीमुथियुस 6:20.

आप किस तरह का ज्ञान लेंगे, इस बारे में सोच-समझकर चुनाव करने की एक ठोस वजह यह है कि आज हमारी ज़िंदगी बहुत छोटी है। आपकी उम्र चाहे जो भी हो, आपके सामने जानकारी पाने के ऐसे बहुत-से क्षेत्र हैं जिनमें आप खोजबीन करना चाहेंगे, मगर साथ ही आप यह भी जानते हैं कि ऐसा करने के लिए ये जीवन कम है।

तो क्या यह बुनियादी समस्या कभी दूर होगी? क्या ज्ञान का ऐसा कोई क्षेत्र कभी तैयार होगा जिससे उम्र लंबी हो सके, यहाँ तक कि हमेशा-हमेशा के लिए? क्या आज ऐसा ज्ञान दुनिया में मौजूद है? अगर हाँ, तो क्या यह ज्ञान सभी को मुहैया कराया जाएगा? क्या वह दिन कभी आएगा जब दुनिया में पेश किया जानेवाला सारा ज्ञान सच्चा होगा? शुरू में बताए मिशनरी जोड़े ने इन सवालों के सही-सही जवाब पा लिए हैं, और आप भी पा सकते हैं। कृपया अगला लेख पढ़िए, जो आपको हमेशा-हमेशा तक ज्ञान हासिल करते रहने का मौका पेश करता है।