क्या आप सच्चे दोस्त पाना चाहते हैं?
क्या आप सच्चे दोस्त पाना चाहते हैं?
ज़्यादातर लोगों की चाहत होती है कि उन्हें सच्चे दोस्त मिलें। अगर आपको ऐसा कोई अज़ीज़ दोस्त मिल जाए जिसके साथ आप अपना सुख-दुःख बाँट सकें, तो ज़िंदगी कितनी सुहानी बन जाएगी! लेकिन सच्चे दोस्त पाने के लिए आपको क्या करने की ज़रूरत है? करीब 2,000 साल पहले, यीशु ने बताया था कि किसी भी इंसानी रिश्ते में कामयाब होने का राज़ है, निःस्वार्थ प्रेम दिखाना। उसने यह सिखाया: “जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो।” (लूका 6:31) यीशु की कही इस बात को सुनहरा नियम कहा जाता है और यह दिखाता है कि अगर आप सच्चे दोस्त पाना चाहते हैं, तो आपको ऐसा इंसान बनने की ज़रूरत है जो बिना किसी लालच के दूसरों से प्यार करता हो और दरियादिल हो। सीधे शब्दों में कहें तो एक सच्चा दोस्त पाने के लिए आपको खुद एक सच्चा दोस्त बनने की ज़रूरत है। आप यह कैसे कर सकते हैं?
दोस्ती के मज़बूत बंधन रातों-रात नहीं बन जाते। आखिरकार, दोस्त जान-पहचानवालों से बढ़कर होते हैं। दोस्त वह होता है जिसके साथ जज़्बाती तौर पर आपका गहरा लगाव होता है। इस तरह का नज़दीकी रिश्ता कायम करने और उसे बनाए रखने में मेहनत लगती है। कई बार दोस्ती का मतलब होता है, अपने आराम से बढ़कर अपने दोस्त की ज़रूरत की फिक्र करना। जिगरी दोस्त उन्हें कहते हैं, जो आपस में न सिर्फ खुशियाँ बल्कि अपने गम भी बाँटते हैं।
ज़रूरत के वक्त, अपने दोस्त को जज़्बाती तौर पर मदद देने के साथ-साथ उसे कारगर सलाह देकर आप दिखाते हैं कि आप उसके सच्चे दोस्त हैं। नीतिवचन 17:17 कहता है: “मित्र सब समयों में प्रेम रखता है, और विपत्ति के दिन भाई बन जाता है।” दरअसल दोस्ती का बंधन, सगे रिश्ते से भी बढ़कर साबित हो सकता है। नीतिवचन 18:24 कहता है: “मित्रों के बढ़ाने से तो नाश होता है, परन्तु ऐसा मित्र होता है, जो भाई से भी अधिक मिला रहता है।” ऐसी गहरी दोस्ती कैसे कायम की जाए, क्या आप इस बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं? क्या आप ऐसी बिरादरी का हिस्सा बनना चाहते हैं जिसमें सभी लोग एक-दूसरे से प्यार करने के लिए जाने जाते हैं? (यूहन्ना 13:35) अगर हाँ, तो आपके इलाके के यहोवा के साक्षी आपको खुशी-खुशी बताएँगे कि आप सच्चे दोस्त कैसे बना सकते हैं।