परमेश्वर से तालीम पाने के लिए स्कूल यहोवा के प्यार का सबूत
यहोवा हमारा “महान उपदेशक” है। (यशा. 30:20, एन.डब्ल्यू.) उसका प्यार उसे उकसाता है कि वह दूसरों को सिखाए और तालीम दे। मिसाल के लिए, गहरे प्यार से उभारे जाकर यहोवा “खुद जो करता है वह सब” अपने बेटे यीशु को भी दिखाता है। (यूह. 5:20) यहोवा हमसे भी प्यार करता है इसलिए वह हमें “सीखनेवालों की जीभ” देता है, जिसका इस्तेमाल कर हम उसका आदर कर पाते हैं और दूसरों की मदद कर पाते हैं।—यशा. 50:4.
यहोवा के प्यार की मिसाल पर चलते हुए, शासी निकाय की शिक्षा-समिति ने दस स्कूलों का इंतज़ाम किया है। ये स्कूल उन भाई-बहनों को तालीम देते हैं जो इनमें जाने की इच्छा रखते हैं और जिनके हालात उन्हें ऐसा करने की इजाज़त देते हैं। क्या आप इन स्कूलों को यहोवा के प्यार का सबूत मानते हैं?
आइए अब हम इन स्कूलों के बारे में थोड़ा और जानें और कुछ भाई-बहनों से सुनें कि उन्हें इन स्कूलों से क्या फायदा हुआ है। फिर खुद से पूछिए, ‘परमेश्वर जो शिक्षा देता है, उससे मैं कैसे फायदा पा सकता हूँ?’
परमेश्वर से मिलनेवाली तालीम का फायदा उठाइए
‘प्यार का परमेश्वर’ होने के नाते यहोवा हमें वह तालीम देता है जिससे हमारी ज़िंदगी को एक मकसद मिलता है, हम चुनौतियों को पार करने के लिए तैयार रहते हैं और हमें प्रचार में बेइंतिहा खुशी मिलती है। (2 कुरिं. 13:11) पहली सदी के चेलों की तरह, हम दूसरों की मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहते हैं और ‘उन्हें वे सारी बातें मानना सिखाते हैं’ जिनकी हमें आज्ञा दी गयी है।—मत्ती 28:20.
भले ही हम इन सभी स्कूलों में न जा पाएँ, लेकिन हम इनमें से एक या उससे ज़्यादा स्कूलों से फायदा पा सकते हैं। हमें बाइबल से जो हिदायतें मिलती हैं, उन्हें हम लागू कर सकते हैं। इसके अलावा, जब हम इन स्कूलों से तालीम पाए यहोवा के सेवकों के साथ काम करते हैं, तो हम अपनी सेवा में और भी कुशल बन जाते हैं।
खुद से पूछिए, ‘क्या मेरे हालात मुझे इजाज़त देते हैं कि मैं इनमें से किसी स्कूल में जा पाऊँ?’
यहोवा के उपासक इन बेहतरीन स्कूलों में हिस्सा लेने और वहाँ सिखाए जाने को एक बड़ा सम्मान समझते हैं। हमारी दुआ है कि यह तालीम आपको यहोवा के और भी करीब लाए और उसकी सेवा में अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के काबिल बनाए, खासकर प्रचार का अहम काम पूरा करने में।