प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण जुलाई 2013
“हमें बता, ये सब बातें कब होंगी?”
मत्ती अध्याय 24 और 25 में यीशु की भविष्यवाणी में बतायी घटनाओं के पूरा होने के समय के बारे में हमारी समझ में क्या फेरबदल हुआ है?
“देखो! मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ”
यीशु की दी गेहूँ और जंगली पौधों की मिसाल बीज बोने, बीज के बढ़ने और उनकी कटाई के समय के बारे में बताती है। कटाई के समय के बारे में हमारी समझ में क्या फेरबदल हुई है?
थोड़े-से लोगों के हाथों, बहुतों को खिलाना
यीशु ने पहली सदी की मंडलियों के लिए आध्यात्मिक खाना कैसे मुहैया कराया? क्या आज भी वह उसी तरह आध्यात्मिक खाना मुहैया कराता है?
“असल में वह विश्वासयोग्य और सूझ-बूझ से काम लेनेवाला दास कौन है?”
इस लेख के ज़रिए विश्वासयोग्य और सूझ-बूझ से काम लेनेवाले दास के बारे में हमारी समझ में फेरबदल हुई है। गौर कीजिए कि कैसे हमारी आध्यात्मिक सेहत इस दास पर निर्भर है।
शासी निकाय का एक नया सदस्य
1 सितंबर, 2012 को मार्क सैंडरसन ने यहोवा के साक्षियों के शासी निकाय के सदस्य के तौर पर सेवा करनी शुरू की।
जीवन कहानी
कहीं पर भी यहोवा की सेवा करने के लिए तैयार
पढ़िए कि कैसे नेदरलैंड्स में एक जोड़े ने चुनौतियों और बदलते हालात के बावजूद यहोवा पर पूरी तरह भरोसा रखना सीखा।
“कितनी सुंदर तसवीरें हैं!”
हमारे साहित्यों में तसवीरें इसलिए इस्तेमाल की जाती हैं क्योंकि ये सिखाने का एक ज़रिया हैं, जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं और हमारे अंदर भावनाएँ जगाती हैं। आप इन खूबसूरत तसवीरों से कैसे फायदा पा सकते हैं?