अपने बच्चों को सिखाइए
क्या आपको कभी किसी से जलन हुआ है? यूसुफ के भाइयों को हुआ था
क्या आपको पता है कि किसी से जलने का मतलब क्या है? जब कोई आपके सामने किसी के बारे में कहे कि देखो वह कितना अच्छा बच्चा है, या कितना खूबसूरत और होशियार है, तो आपको कैसा लगेगा? क्या आपको अच्छा लगेगा? *— नहीं ना। इसका मतलब है कि आप उससे जलते हैं।
कभी-कभी एक ही परिवार के बच्चे एक-दूसरे से जलने लगते हैं। ऐसा तब होता है जब माँ-बाप अपने एक बच्चे को बाकी बच्चों से ज़्यादा लाड़-प्यार करते हैं। बाइबल एक परिवार के बारे में बताती है, जिसके बच्चों ने जलन की वजह से बहुत बुरा काम किया। आइए देखें कि उन्होंने क्या किया और इस कहानी से हम क्या सबक सीख सकते हैं।
बहुत समय पहले की बात है। याकूब नाम का एक आदमी था। उसका एक बड़ा परिवार था। यूसुफ उसका 11वाँ बेटा था और उसके सौतेले भाई उससे जलते थे। जानते हैं क्यों?— क्योंकि यूसुफ याकूब का चहेता था। याकूब ने उसके लिए एक खूबसूरत और रंगबिरंगा धारीदार कुरता बनवाया था। यूसुफ इसलिए भी याकूब के जिगर का टुकड़ा था “क्योंकि वह उसके बुढ़ापे” में पैदा हुआ था और उसकी प्यारी पत्नी राहेल का बेटा था।
बाइबल कहती है कि ‘जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि उनका पिता उन सब से अधिक यूसुफ से प्यार करता है, तो वे उससे बैर करने लगे।’ फिर एक दिन यूसुफ ने अपने घरवालों को अपने एक सपने के बारे में बताया। सपने में उसने देखा कि उसके पिता और सभी भाई झुककर उसे सलाम कर रहे हैं। बाइबल बताती है कि इस पर ‘उसके भाई उससे डाह’ या जलन करने लगे। यहाँ तक कि उसके पिता ने भी उसे यह सपना बताने के लिए डाँटा।—उत्पत्ति 37:1-11.
कुछ समय बाद, उसके भाई घर से दूर अपने पिता की भेड़-बकरियाँ चरा रहे थे। याकूब ने 17 साल
के यूसुफ को अपने भाइयों का हालचाल पूछने भेजा। क्या आप जानते हैं, जब उसके भाइयों ने उसे आते देखा तो उन्होंने क्या करना चाहा?— उन्होंने उसे जान से मार डालना चाहा! लेकिन उसके दो भाई रूबेन और यहूदा इस बात के लिए राज़ी नहीं थे।तभी वहाँ से कुछ व्यापारी गुज़रे, जो मिस्र की ओर जा रहे थे। इस पर यहूदा ने कहा: ‘आओ हम उसे बेच दें।’ और उन्होंने उसे बेच दिया। इसके बाद, उन्होंने एक बकरे को मारा और उसके खून से यूसुफ का कुरता रंग दिया। जब उन्होंने यह कुरता अपने पिता को दिखाया, तो वह यह कहते हुए फूट-फूटकर रोने लगा: ‘ज़रूर किसी जंगली जानवर ने यूसुफ को फाड़ खाया होगा।’—उत्पत्ति 37:12-36.
मिस्र में यूसुफ का क्या हुआ? व्यापारियों ने उसे गुलामी में बेच दिया। कुछ सालों बाद मिस्र के राजा ने, जिसे फिरौन कहा जाता था, दो सपने देखे। पहले सपने में उसने सात मोटी गायों और फिर सात दुबली गायों को देखा। दूसरे सपने में उसने एक डंठल पर सात मोटी बालें, फिर एक दूसरे डंठल पर सात सूखी बालें देखीं। परमेश्वर की मदद से यूसुफ, फिरौन को उसके सपनों का मतलब समझा सका। उसने बताया कि दोनों सपनों का यही मतलब है कि आनेवाले सात सालों में अच्छी फसल होगी और बाद के सात सालों में अकाल पड़ेगा। अपने सपनों का मतलब जानकर फिरौन यूसुफ से खुश हो गया। उसने तुरंत अकाल के सालों के लिए अनाज इकट्ठा करने का हुक्म जारी किया और यूसुफ को इस काम का ज़िम्मा सौंपा।
जब चारों तरफ अकाल पड़ा, तो याकूब के परिवार के यहाँ भी खाने की कमी हो गयी। याकूब ने यूसुफ के दस बड़े भाइयों को दूर मिस्र में अनाज खरीदने के लिए भेजा। वहाँ उन्हें यूसुफ के सामने पेश किया गया, लेकिन वे उसे पहचान नहीं पाए। यूसुफ ने भी उन्हें कुछ नहीं बताया। वह देखना चाहता था कि क्या उसके भाई अब भी उससे नफरत करते हैं। इसलिए उसने उनकी परीक्षा ली। उसे पता चला कि उन्हें अपने किए पर बहुत पछतावा है। तब यूसुफ ने उन्हें सच-सच बता दिया कि वह कौन है। यह जानकर वे इतने खुश हुए कि एक-दूसरे से लिपट गए।—उत्पत्ति, अध्याय 40 से 45 तक।
इस कहानी से आपने क्या सीखा?— यही कि जलन रखना बहुत खतरनाक होता है। इस वजह से एक इंसान अपने ही भाई को चोट पहुँचा सकता है। अब आइए हम प्रेरितों 5:17, 18 और 7:54-59 पढ़ें। देखा, लोगों ने जलन से भरकर यीशु के चेलों के साथ क्या किया?— अब आप समझें कि हमें क्यों किसी से नहीं जलना चाहिए?—
यूसुफ 110 साल तक जीया। उसने अपने बच्चों, नाती-पोतों और परपोतों को गोद में खिलाया। यूसुफ ने ज़रूर उन सब को सिखाया होगा कि वे एक-दूसरे से प्यार करें और जलन न रखें।—उत्पत्ति 50:22, 23, 26. (w08 10/1)
^ अगर आप यह लेख बच्चे को पढ़कर सुना रहे हैं, तो जहाँ डैश दिया गया है, वहाँ उससे सवाल पूछिए और जवाब के लिए रुकिए।