ख12-क
धरती पर यीशु की ज़िंदगी का आखिरी हफता (भाग 1)
यरूशलेम और उसके आस-पास का इलाका
मंदिर
गतसमनी बाग (?)
राज्यपाल का भवन
कैफा का घर (?)
महल जिसमें हेरोदेस अन्तिपास रहता था (?)
बेतहसदा का कुंड
सिलोम का कुंड
महासभा का भवन (?)
गुलगुता (?)
हकलदमा (?)
इस दिन क्या हुआ: नीसान 8 | नीसान 9 | नीसान 10 | नीसान 11
नीसान 8 (सब्त)
सूरज ढलना (यहूदियों का दिन सूरज ढलने से शुरू होकर अगले दिन सूरज ढलने पर खत्म होता था)
फसह के त्योहार से छ: दिन पहले बैतनियाह पहुँचता है
सूरज उगना
सूरज ढलना
नीसान 9
सूरज ढलना
शमौन नाम के कोढ़ी के घर खाना खाता है
मरियम जटामाँसी के तेल से यीशु का अभिषेक करती है
यहूदी, यीशु और लाज़र से मिलने आते हैं
सूरज उगना
राजा की हैसियत से यरूशलेम में दाखिल होता है
मंदिर में सिखाता है
सूरज ढलना
नीसान 10
सूरज ढलना
बैतनियाह में रात बिताता है
सूरज उगना
तड़के सुबह यरूशलेम जाता है
मंदिर को शुद्ध करता है
स्वर्ग से यहोवा की आवाज़ सुनायी देती है
सूरज ढलना
नीसान 11
सूरज ढलना
सूरज उगना
मंदिर में मिसालें देकर सिखाता है
फरीसियों को धिक्कारता है
विधवा के दान पर गौर करता है
जैतून पहाड़ पर यरूशलेम के नाश की भविष्यवाणी करता है और भविष्य में होनेवाली अपनी मौजूदगी की निशानी बताता है