भजन 10:1-18
ל [लामेध ]
10 हे यहोवा, तू क्यों दूर खड़ा रहता है?
मुसीबत की घड़ी में क्यों छिप जाता है?+
2 दुष्ट मगरूर होकर बेसहारे का पीछा करता है,+मगर वह अपनी ही साज़िशों में फँस जाएगा।+
3 क्योंकि दुष्ट अपनी बुरी इच्छाओं पर डींग मारता है,+लालची को आशीर्वाद देता है।*נ [नून ]वह यहोवा का अनादर करता है।
4 दुष्ट अपनी हेकड़ी की वजह से परमेश्वर की खोज नहीं करता,वह मन में यही कहता है, “कोई परमेश्वर नहीं।”+
5 दुष्ट अपनी राह पर फलता-फूलता है,+मगर तेरे फैसले उसकी समझ से परे हैं,+वह अपने सभी बैरियों को तुच्छ जानता है।
6 वह मन में कहता है, “मैं कभी हिलाया नहीं जा सकता,*मैं पीढ़ी-दर-पीढ़ी कभी मुसीबत का मुँह नहीं देखूँगा।”+
פ [पे ]
7 उसका मुँह शाप, झूठ और धमकियों से भरा रहता है,+उसकी ज़बान फसाद खड़ी करती और चोट पहुँचाती है।+
8 वह बस्तियों के पास घात लगाए बैठता है,छिपकर बेगुनाह पर हमला करता है और उसे मार डालता है।+
ע [ऐयिन ]
उसकी आँखें लाचार को ढूँढ़ती हैं ताकि उसका शिकार करे।+
9 वह माँद* में छिपे शेर की तरह इंतज़ार करता है+ताकि मौका मिलते ही किसी बेसहारे को धर-दबोचे।
वह बेसहारे को जाल में फँसाकर धर-दबोचता है।+
10 शिकार कुचल दिया जाता है, नीचे गिरा दिया जाता है,कई बेचारे उसके शिकंजे* में फँस जाते हैं।
11 दुष्ट मन में कहता है, “परमेश्वर भूल गया है।+
उसने अपना मुँह फेर लिया है।
वह कभी ध्यान नहीं देता।”+
ק [कोफ ]
12 हे यहोवा, उठ!+ हे परमेश्वर, अपना हाथ उठा!+
बेसहारों को न भूल।+
13 आखिर दुष्ट क्यों परमेश्वर का अनादर करता है?
वह मन में कहता है, “परमेश्वर मुझसे लेखा नहीं लेगा।”
ר [रेश ]
14 मगर तू बेशक तकलीफें और मुसीबतें देखता है।
तू ध्यान देता है और मामले अपने हाथ में लेता है।+
लाचार लोग तेरी ओर ताकते हैं,+अनाथों* का तू ही मददगार है।+
ש [शीन ]
15 दुष्ट और बुरे आदमी का हाथ तोड़ दे,+उसकी दुष्टता का नामो-निशान मिटा दे।
16 यहोवा युग-युग का राजा है।+
राष्ट्र धरती से मिट गए हैं।+
ת [ताव ]
17 मगर हे यहोवा, तू दीनों की बिनती सुनेगा।+
उनके दिलों को मज़बूत करेगा,+ उन पर पूरा ध्यान देगा।+
18 तू अनाथों और कुचले हुओं को न्याय दिलाएगा+ताकि धरती का नश्वर इंसान फिर कभी उन्हें न डराए।+
कई फुटनोट
^ या शायद, “लालची खुद को आशीर्वाद देता है।”
^ या “मैं डगमगा (या लड़खड़ा) नहीं सकता।”
^ या “घनी झाड़ियों।”
^ या “मज़बूत पंजों।”
^ या “जिनके पिता की मौत हो गयी है।”