भजन 127:1-5
सुलैमान की रचना। चढ़ाई का गीत।
127 अगर घर को यहोवा न बनाए,तो उसके कारीगरों की कड़ी मेहनत बेकार है।+
अगर शहर की हिफाज़त यहोवा न करे,+तो उसके पहरेदार का जागते रहना बेकार है।
2 अगर परमेश्वर की आशीष न हो,तो तुम्हारा सुबह तड़के उठना,देर रात तक जागना,खाने के लिए कड़ी मज़दूरी करना बेकार है।
क्योंकि वह जिनसे प्यार करता है, उनकी देखभाल करता हैऔर उन्हें अच्छी नींद देता है।+
3 देखो! लड़के* यहोवा से मिली विरासत हैं,+गर्भ का फल उससे मिला इनाम है।+
4 जैसे वीर के हाथ में तीर होते हैं,वैसे जवान आदमी के बेटे होते हैं।+
5 सुखी है वह आदमी जो अपना तरकश तीरों से भरता है।+
वे शर्मिंदा नहीं किए जाएँगे,क्योंकि वे शहर के फाटक पर दुश्मनों को जवाब देंगे।
कई फुटनोट
^ या “बच्चे।”