भजन 130:1-8
चढ़ाई का गीत।
130 हे यहोवा, मैं दुख की गहरी खाई से तुझे पुकारता हूँ।+
2 हे यहोवा, मेरी आवाज़ सुन।
तू मेरी मदद की पुकार पर कान लगाए।
3 हे याह,* अगर तू हमारे गुनाहों पर ही नज़र रखता,*तो हे यहोवा, तेरे सामने कौन खड़ा रह सकता?+
4 तू सच्ची माफी देता है+ताकि तेरी श्रद्धा की जाए।*+
5 मैं यहोवा पर आशा रखता हूँ,मेरा रोम-रोम उस पर आशा रखता है,मैं उसके वचन का इंतज़ार करता हूँ।
6 मैं यहोवा का बेसब्री से इंतज़ार करता हूँ,+पहरेदार सुबह होने का जितना इंतज़ार करते हैं,उससे कहीं ज़्यादा मैं इंतज़ार करता हूँ।+
7 इसराएल यहोवा का इंतज़ार करे,क्योंकि यहोवा वफादार है, सदा प्यार करता है+और वह छुड़ाने की महाशक्ति रखता है।
8 वह इसराएल को उसके सभी गुनाहों से छुड़ाएगा।