भजन 43:1-5
43 हे परमेश्वर, मेरा न्याय कर,+विश्वासघाती राष्ट्र से मेरा मुकदमा लड़।+
धोखेबाज़ और अन्याय करनेवाले आदमी से मुझे छुड़ा।
2 क्योंकि तू ही मेरा परमेश्वर है, मेरा किला है।+
तूने क्यों मुझे अपने सामने से दूर कर दिया है?
दुश्मन के ज़ुल्मों की वजह से मुझे क्यों सारा वक्त उदास रहना पड़ता है?+
3 अपनी रौशनी और सच्चाई मुझे दे।+
वे मुझे राह दिखाएँ,+तेरे पवित्र पहाड़ और तेरे महान डेरे के पास ले जाएँ।+
4 तब मैं परमेश्वर की वेदी के पास जाऊँगा,+अपने परमेश्वर के पास, जो मुझे बहुत खुशी देता है।
हे परमेश्वर, मेरे परमेश्वर, मैं सुरमंडल+ बजाकर तेरी तारीफ करूँगा।
5 मेरे मन, तू क्यों इतना उदास है?
तेरे अंदर यह तूफान क्यों मचा है?
परमेश्वर का इंतज़ार कर,+क्योंकि मैं उसकी तारीफ करता रहूँगाकि वह मेरा महान उद्धारकर्ता और मेरा परमेश्वर है।+