भजन 6:1-10
दाविद का सुरीला गीत। निर्देशक के लिए हिदायत: यह गीत शेमिनिथ* की धुन पर तारोंवाले बाजे बजाकर गाया जाए।
6 हे यहोवा, तू गुस्से में आकर मुझे न फटकार,न ही क्रोध से भरकर मुझे सुधार।+
2 हे यहोवा, मुझ पर कृपा* कर, मैं कमज़ोर हो गया हूँ।
हे यहोवा, मुझे चंगा कर,+ मेरी हड्डियाँ काँप रही हैं।
3 हाँ, मैं बहुत परेशान हूँ।+हे यहोवा, मैं तुझसे पूछता हूँ, मैं कब तक यूँ ही तड़पता रहूँ?+
4 हे यहोवा, लौट आ और मुझे छुड़ा ले,+अपने अटल प्यार की खातिर मुझे बचा ले।+
5 क्योंकि मौत के बाद कोई तेरी चर्चा नहीं कर सकता।*कब्र में कौन तेरी तारीफ करेगा?+
6 आहें भरते-भरते मैं पस्त हो चुका हूँ।+मैं पूरी रात अपना बिस्तर आँसुओं से भिगोता हूँ,आँसुओं के सैलाब में मेरा दीवान डूब जाता है।+
7 मन की पीड़ा से मेरी आँखें कमज़ोर हो गयी हैं,+मुझे सतानेवालों की वजह से धुँधली पड़ गयी हैं।*
8 अरे दुष्टो, तुम सब मुझसे दूर हो जाओ,क्योंकि यहोवा मेरा बिलखना ज़रूर सुनेगा।+
9 यहोवा मेरी कृपा की बिनती सुनेगा,+यहोवा मेरी प्रार्थना स्वीकार करेगा।
10 मेरे सभी दुश्मन शर्मिंदा किए जाएँगे और खौफ खाएँगे,अचानक ही उनकी बेइज़्ज़ती होगी और वे भाग जाएँगे।+