भजन 76:1-12
आसाप+ का सुरीला गीत। निर्देशक के लिए हिदायत: यह गीत तारोंवाले बाजे बजाकर गाया जाए।
76 परमेश्वर को सारा यहूदा जानता है,+उसका नाम इसराएल में महान है।+
2 उसका आवास शालेम+ में है,उसका निवास सिय्योन में है।+
3 वहाँ उसने जलते तीर तोड़ डाले,ढाल, तलवार और युद्ध के सारे हथियार तोड़ डाले।+ (सेला )
4 हे परमेश्वर, तू तेज़ चमकता है,*तू शिकार के पहाड़ों से कहीं ज़्यादा वैभवशाली है।
5 शेरदिलवाले लूट लिए गए।+
सारे योद्धा मौत की नींद सो गए,क्योंकि वे मुकाबला नहीं कर सके।+
6 हे याकूब के परमेश्वर, जब तूने डाँट लगायी,तो घोड़ा और सारथी, दोनों मौत की नींद सो गए।+
7 तू ही अकेला विस्मयकारी है,+
तेरे ज़बरदस्त क्रोध के आगे भला कौन टिक सकता है?+
8 स्वर्ग से तूने सज़ा सुनायी।+धरती उस समय डर गयी और चुप थी,+
9 जब तू सज़ा देने और धरती के सब दीनों को बचाने के लिए उठा।+ (सेला )
10 आदमी का गुस्से से भड़कना तेरी तारीफ की वजह बनेगा,+उसके गुस्से की आखिरी चिंगारी से भी तू अपनी महिमा कराएगा।
11 अपने परमेश्वर यहोवा से मन्नतें मानोऔर उन्हें पूरा करो,+जो उसके चारों तरफ मौजूद हैं,वे सब उसका डर मानते हुए तोहफे लाएँ।+
12 वह हाकिमों का घमंड चूर कर देगा,धरती के राजाओं के दिलों में डर पैदा करेगा।
कई फुटनोट
^ या “तू रौशनी से घिरा हुआ है।”