मत्ती के मुताबिक खुशखबरी 21:1-46
अध्ययन नोट
बैतफगे गाँव: जैतून पहाड़ पर बसे इस गाँव का नाम एक इब्रानी शब्द से निकला है जिसका शायद मतलब है, “अंजीर की पहली फसल का घर।” यहूदियों की मान्यता है कि यह गाँव यरूशलेम और बैतनियाह के बीच, जैतून पहाड़ की चोटी के पास दक्षिण-पूर्वी ढलान पर था। इसके और यरूशलेम के बीच की दूरी करीब 1 कि.मी. (1 मील से कम) थी।—मर 11:1; लूक 19:29; अति. क7, नक्शा 6 देखें।
एक गधी और उसका बच्चा बँधा हुआ: सिर्फ मत्ती ने गधी और उसके बच्चे का ज़िक्र किया। (मर 11:2-7; लूक 19:30-35; यूह 12:14, 15) यीशु गधी के बच्चे पर बैठा था, इसलिए ज़ाहिर-सी बात है कि मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सिर्फ एक जानवर की बात की।—मत 21:5 का अध्ययन नोट देखें।
ताकि यह वचन पूरा हो जो भविष्यवक्ता से कहलवाया गया था: ज़ाहिर है कि मत 21:5 का पहला भाग यश 62:11 से और दूसरा भाग जक 9:9 से लिया गया है।—मत 1:22 का अध्ययन नोट देखें।
सिय्योन की बेटी: या “बेटी सिय्योन,” जैसे बाइबल के कुछ अनुवादों में लिखा है। बाइबल में शहरों को अकसर एक औरत के रूप में बताया गया है या उनके लिए स्त्रीलिंग शब्द इस्तेमाल हुए हैं। यहाँ शब्द “बेटी” का मतलब या तो शहर हो सकता है या उसके लोग। “सिय्योन” अकसर यरूशलेम शहर के लिए इस्तेमाल हुआ है।
कोमल स्वभाव का: या “नम्र।”—मत 5:5 का अध्ययन नोट देखें।
एक गधे पर, हाँ, . . . गधी के बच्चे पर: हालाँकि मत 21:2, 7 में दो जानवरों की बात की गयी है, लेकिन जक 9:9 की भविष्यवाणी बताती है कि राजा सिर्फ एक जानवर पर सवार होगा।—मत 21:2 का अध्ययन नोट देखें।
गधी और उसके बच्चे: मत 21:2, 5 के अध्ययन नोट देखें।
उन पर बैठ गया: यानी ओढ़नों पर।
हम बिनती करते हैं . . . बचा ले: शा., “होसन्ना।” यह यूनानी शब्द एक इब्रानी शब्द से निकला है जिसका मतलब है, “हम बिनती करते हैं, बचा ले” या “दया करके बचा ले।” यहाँ इस शब्द का मतलब है, उद्धार या जीत के लिए परमेश्वर से बिनती करना। इसका अनुवाद “दया करके उद्धार दिला” भी किया जा सकता है। बाद में यह शब्द प्रार्थना और महिमा करने में इस्तेमाल होने लगा। इसके इब्रानी शब्द भज 118:25 में आते हैं। यह आयत ‘हालेल के भजनों’ का भाग है जो हर साल फसह के त्योहार के दौरान गाए जाते थे। इसलिए ये शब्द इस मौके पर आसानी से लोगों को याद आ गए होंगे। परमेश्वर ने दाविद के वंशज को बचाने की बिनती का जवाब कई तरीकों से दिया, उनमें से एक था कि उसने इस वंशज को दोबारा ज़िंदा किया। मत 21:42 में यीशु ने भज 118:22, 23 की बातें बताकर ज़ाहिर किया कि ये मसीहा के बारे में हैं।
दाविद के वंशज: इन शब्दों से पता चलता है कि यीशु किसके वंश से आया और वही वादा किया हुआ मसीहा है।—मत 1:1, 6; 15:25; 20:30 के अध्ययन नोट देखें।
यहोवा: यहाँ भज 118:25, 26 की बातें लिखी हैं। मूल इब्रानी पाठ में इन आयतों में परमेश्वर के नाम के लिए चार इब्रानी व्यंजन (हिंदी में य-ह-व-ह) इस्तेमाल हुए हैं।—अति. ग देखें।
पूरे शहर में तहलका मच गया: या “पूरा शहर हिल (या दहल) गया।” शहर के लोगों में मची खलबली बताने के लिए एक ऐसी यूनानी क्रिया इस्तेमाल हुई है जो असल में भूकंप या तूफान के अंजाम बताने के लिए इस्तेमाल होती है। (मत 27:51; प्रक 6:13) इसी से जुड़ी यूनानी संज्ञा सेसमॉस का अनुवाद “आँधी” या “भूकंप” किया गया है।—मत 8:24; 24:7; 27:54; 28:2.
मंदिर: मुमकिन है कि यहाँ मंदिर के उस हिस्से की बात की गयी है जिसे गैर-यहूदियों का आँगन कहा जाता था।—अति. ख11 देखें।
पैसा बदलनेवाले सौदागरों: उस ज़माने में कई तरह के सिक्के होते थे, मगर ज़ाहिर है कि मंदिर का सालाना कर चुकाने या बलिदान के जानवर खरीदने के लिए एक खास सिक्का इस्तेमाल किया जाता था। इसलिए दूसरी जगहों से यरूशलेम आए यहूदियों को अपने पैसे बदलने होते थे। ज़ाहिर है कि यीशु ने देखा कि पैसा बदलनेवाले सौदागर इसके लिए बहुत ज़्यादा कीमत ले रहे थे और ऐसा करके वे असल में लोगों को लूट रहे थे।
लुटेरों का अड्डा: शा., “लुटेरों की गुफा।” यीशु यहाँ यिर्म 7:11 में लिखी बात कह रहा था। उसने व्यापारियों और पैसा बदलनेवाले सौदागरों को शायद इसलिए ‘लुटेरे’ कहा क्योंकि वे बलिदान के जानवर ऊँचे दामों में बेचकर और पैसा बदलने के लिए बड़ी कीमत लेकर बहुत मुनाफा कमा रहे थे। यीशु उन पर इसलिए भी भड़क उठा क्योंकि उन्होंने प्रार्थना के घर, यानी यहोवा की उपासना की जगह को बाज़ार बनाकर रख दिया था।
मंदिर: मुमकिन है कि यहाँ गैर-यहूदियों के आँगन की बात की गयी है क्योंकि अंधे और लँगड़े लोगों को मंदिर के कुछ भीतरी भागों में जाने की मनाही थी। मत्ती का ब्यौरा शायद यह दिखाता है कि इस मौके पर यीशु ने न सिर्फ मंदिर साफ करने में बल्कि उसके पास आए अंधों और लँगड़ों को ठीक करने में भी जोश से काम लिया।
हम बिनती करते हैं, दाविद के वंशज को बचा ले: मत 21:9 का अध्ययन नोट देखें।
बैतनियाह: यह गाँव जैतून पहाड़ की दक्षिण-पूर्वी ढलान पर बसा हुआ था, जो यरूशलेम से करीब 3 कि.मी. (2 मील) की दूरी पर था। (यूह 11:18, फु.) मारथा, मरियम और लाज़र का घर इसी गाँव में था और लगता है कि यीशु जब यहूदिया में प्रचार करता था तो वह इनके घर पर ही रुकता था। (यूह 11:1) आज इस जगह एक छोटा-सा गाँव है जिसके अरबी नाम का मतलब है, “लाज़र की जगह।”
पत्तियों को छोड़ उसमें कुछ नहीं पाया: साल के इस समय में अंजीर के पेड़ पर फल नहीं लगते थे। मगर अजीब बात यह थी कि इस पेड़ पर पत्तियाँ थीं। आम तौर पर पत्तियों के साथ पहली फसल के फल भी लगते हैं। मगर क्योंकि इस पेड़ पर सिर्फ पत्तियाँ थीं इसलिए यीशु समझ गया कि इस पर अब कोई फल नहीं लगनेवाला, इसका रूप एक धोखा है। इसलिए यीशु ने पेड़ को शाप दिया कि इस पर फिर कभी फल न लगें। इसके बाद यह पेड़ सूख गया।
सच: मत 5:18 का अध्ययन नोट देखें।
मुखिया: मत 16:21 का अध्ययन नोट देखें।
उस लड़के ने कहा, ‘मैं नहीं जाऊँगा’: इस मिसाल (मत 21:28-31) के बारे में बताते वक्त कुछ यूनानी हस्तलिपियों में उस बेटे का ज़िक्र पहले किया गया है जिसने “हाँ” कहा, मगर काम पर नहीं गया। (नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र देखें।) चाहे किसी भी बेटे का ज़िक्र पहले किया गया हो, सबक में कोई फर्क नहीं है। लेकिन जैसे इस बाइबल में मना करनेवाले बेटे का ज़िक्र पहले किया गया है, उसका और भी ठोस आधार हस्तलिपियों में पाया जाता है।
कर-वसूलनेवाले: मत 5:46 का अध्ययन नोट देखें।
मिसाल: या “नीति-कथा।”—मत 13:3 का अध्ययन नोट देखें।
मीनार: मीनार पर से बाग पर नज़र रखना आसान होता था ताकि इसे चोरों और जानवरों के हमलों से बचाया जा सके।—यश 5:2.
ठेके पर देकर: पहली सदी में इसराएल में ऐसा करना आम था। बाग का मालिक होने के नाते उसका मुनाफे की उम्मीद करना सही होता। मगर इस मिसाल में मालिक ने बाग में शुरूआत के काफी सारे काम भी कर दिए थे, इसलिए वापसी पर मुनाफे की उम्मीद करना और भी सही था।
भयानक तरीके से नाश: या “बुरी तरह से नाश।” यूनानी पाठ में यहाँ एक ही मूल शब्द दो अलग-अलग रूप में लिखा गया है ताकि न्याय का संदेश और भी दमदार हो: “वह बुरे लोगों को बुरी तरह से नाश करेगा।”
शास्त्र: अकसर यह शब्द परमेश्वर की प्रेरणा से लिखे गए पूरे इब्रानी शास्त्र के लिए इस्तेमाल किया गया है।
कोने का मुख्य पत्थर: या “सबसे ज़रूरी पत्थर।” यहाँ इस्तेमाल हुए यूनानी शब्दों और भज 118:22 में इस्तेमाल हुए इब्रानी शब्दों का शाब्दिक मतलब है, “कोने का सिरा।” इन शब्दों को अलग-अलग तरीकों से समझा गया है। लेकिन ज़ाहिर है कि इनका मतलब है, इमारत की दो दीवारें जहाँ मिलती थीं उसके ऊपर लगाया जानेवाला पत्थर। इस पत्थर से दीवारें मज़बूती से जुड़ी रहती थीं। यीशु ने भजन की भविष्यवाणी बतायी और ज़ाहिर किया कि वही “कोने का मुख्य पत्थर” है। जिस तरह एक इमारत के एकदम ऊपर लगा पत्थर सबको दिखायी देता है, उसी तरह यीशु मसीह अभिषिक्त मसीहियों से बनी मंडली, यानी लाक्षणिक मंदिर के सिरे का पत्थर है।
यहोवा: यहाँ भज 118:22, 23 की बातें लिखी हैं। मूल इब्रानी पाठ में इन आयतों में परमेश्वर के नाम के लिए चार इब्रानी व्यंजन (हिंदी में य-ह-व-ह) इस्तेमाल हुए हैं।—अति. ग देखें।
तसवीर और ऑडियो-वीडियो
इस छोटे-से वीडियो में पूरब से यरूशलेम तक का रास्ता दिखाया गया है। यह रास्ता एट-टूर गाँव से होकर जैतून पहाड़ की एक ऊँची जगह तक जाता है। मालूम होता है कि एट-टूर, बाइबल में बताया गया बैतफगे गाँव है। इसके पूरब में यानी जैतून पहाड़ की पूर्वी ढलान पर बैतनियाह गाँव बसा था। जब यीशु यरूशलेम आता था तो वह और उसके चेले अकसर बैतनियाह में रात काटते थे जो आज एल-अज़ारीया (या एल आइज़ारीया) के नाम से जाना जाता है। यह एक अरबी नाम है जिसका मतलब है “लाज़र की जगह।” यीशु यहीं मारथा, मरियम और लाज़र के घर रुकता था। (मत 21:17; मर 11:11; लूक 21:37; यूह 11:1) जब यीशु उनके घर से यरूशलेम जाता था, तो शायद वह उसी रास्ते से जाता था जो इस वीडियो में दिखाया गया है। ईसवी सन् 33 के नीसान 9 को जब यीशु एक गधी के बच्चे पर सवार होकर जैतून पहाड़ से यरूशलेम में दाखिल हुआ, तो वह बैतफगे के रास्ते से होकर आया होगा।
1. बैतनियाह से बैतफगे का रास्ता
2. बैतफगे
3. जैतून पहाड़
4. किदरोन घाटी
5. पहाड़ जिस पर पहले मंदिर था
गधे के खुर बहुत मज़बूत होते हैं। वह घोड़े के परिवार का ही जानवर है, मगर घोड़े से बहुत अलग होता है। जैसे, वह छोटा होता है, उसकी गरदन के बाल छोटे-छोटे होते हैं, उसके कान बड़े होते हैं और उसकी पूँछ छोटी और सिर्फ आखिर में ब्रश जैसे बाल होते हैं। हालाँकि गधे की मूर्खता और उसके अड़ियलपन पर कई कहावतें बनी हैं, लेकिन असल में यह घोड़े से ज़्यादा समझदार होता है। यह आम तौर पर सब्र रखनेवाला जानवर है। इसराएल में आदमी, औरत, यहाँ तक कि जाने-माने लोग भी गधों पर सवारी करते थे। (यह 15:18; न्या 5:10; 10:3, 4; 12:14; 1शम 25:42) दाविद के बेटे सुलैमान का जब अभिषेक किया जाना था, तब वह अपने पिता की मादा खच्चर पर सवार हुआ था। (खच्चर, गधे और घोड़ी की संकर संतान होती है।) (1रा 1:33-40) इसलिए यह एकदम सही था कि महान सुलैमान, यीशु जक 9:9 की भविष्यवाणी पूरी करे यानी वह एक घोड़े पर नहीं बल्कि गधी के बच्चे पर सवार हो।
इसराएल में अगस्त और सितंबर में अंगूर की फसल काटी जाती थी। लेकिन कटाई कब की जाती थी यह इस बात पर निर्भर करता था कि किस किस्म के अंगूर हैं और इलाके का मौसम कैसा है। अंगूरों को आम तौर पर चूने-पत्थर से बने कुंड या चट्टानी ज़मीन में बनाए हौद में रखा जाता था। आम तौर पर आदमी नंगे पैरों से अंगूर रौंदते थे और ऐसा करते वक्त वे गीत भी गाते थे।—यश 16:10; यिर्म 25:30; 48:33.
1. ताज़े अंगूर
2. अंगूर रौंदने का हौद
3. नाली
4. रस जमा करने की हौदी
5. दाख-मदिरा रखनेवाले मिट्टी के घड़े