यहेजकेल 26:1-21
26 ग्यारहवें साल के महीने के पहले दिन यहोवा का यह संदेश मेरे पास पहुँचा:
2 “इंसान के बेटे सुन, सोर नगरी ने यरूशलेम की खिल्ली उड़ाते हुए कहा है,+ ‘यह नगरी, जो सब देशों के लिए फाटक जैसी थी, आज देखो इसे तोड़ दिया गया है!+ अच्छा हुआ! अब देखना, सारे लोग मेरे पास आएँगे और मैं मालामाल हो जाऊँगी।’
3 इसलिए सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘हे सोर, मैं तेरे खिलाफ हूँ। मैं बहुत-से राष्ट्रों को तेरे खिलाफ ऐसे उठाऊँगा, जैसे समुंदर अपनी लहरें उठाता है।
4 वे सोर की दीवारें ढा देंगे और उसकी मीनारें गिरा देंगे।+ मैं उसकी मिट्टी खुरच-खुरचकर उसे चिकनी, खुली चट्टान बना दूँगा।
5 वह समुंदर के बीच मछुवाई के बड़े-बड़े जाल सुखाने की जगह बन जाएगी।’+
‘क्योंकि यह मैंने कहा है और दुनिया के राष्ट्र आकर उसे लूट लेंगे।’ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।
6 ‘सोर में देहात की खुली बस्तियों* में रहनेवाले सभी तलवार से काट डाले जाएँगे और लोगों को जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।’
7 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैं उत्तर से बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर* को सोर पर हमला करने भेज रहा हूँ।+ वह राजाओं का राजा है+ जिसके पास बेशुमार घोड़े,+ युद्ध-रथ,+ घुड़सवार और बहुत-से सैनिकों से बनी एक सेना है।
8 वह देहात में तेरी खुली बस्तियों को तलवार से तहस-नहस कर देगा। वह तुझ पर हमला करने के लिए घेराबंदी की दीवार खड़ी करेगा और ढलान बनाएगा और तुझसे अपना बचाव करने के लिए एक बड़ी ढाल तैयार करेगा।
9 वह अपनी बख्तरबंद गाड़ी* से तेरी दीवारों को मार-मारकर ढा देगा और अपने कुल्हाड़ों* से तेरी मीनारें गिरा देगा।
10 उसके पास इतनी तादाद में घोड़े होंगे कि उनके दौड़ने से उठनेवाली धूल तुझे ढक लेगी। वह तेरे फाटकों में ऐसे घुस आएगा जैसे लोग टूटी दीवारों से धड़धड़ाते हुए शहर में घुस जाते हैं। तब उसके घुड़सवारों, युद्ध-रथों और उनके पहियों की तेज़ गड़गड़ाहट से तेरी दीवारें हिल जाएँगी।
11 उसके घोड़े अपनी टापों से तेरी सड़कों को रौंद डालेंगे।+ वह अपनी तलवार से तेरे लोगों को मार डालेगा और तेरे बड़े-बड़े मज़बूत खंभे ज़मीन पर गिरकर चकनाचूर हो जाएँगे।
12 वे तेरी सारी दौलत और व्यापार का सारा माल लूट लेंगे,+ तेरी दीवारें ढा देंगे और तेरे आलीशान घरों को उजाड़ देंगे। फिर वे तेरे पत्थर, तेरा लकड़ी का सामान और तेरी मिट्टी समुंदर में डाल देंगे।’
13 ‘मैं तेरे बीच से गाने-बजाने की सारी आवाज़ें बंद कर दूँगा। तेरे यहाँ सुरमंडल की धुनें फिर कभी सुनायी न देंगी।+
14 मैं तुझे चिकनी, खुली चट्टान बना दूँगा और तू मछुवाई के बड़े-बड़े जाल सुखाने की जगह बन जाएगी।+ तू फिर कभी नहीं बसायी जाएगी क्योंकि यह बात मुझ यहोवा ने कही है।’ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।
15 सारे जहान का मालिक यहोवा सोर से कहता है, ‘जब तू गिरेगी और तेरे यहाँ मरनेवाले लोग* कराहेंगे और तेरे बीच मार-काट मचेगी, तो ऐसा हाहाकार होगा कि सारे द्वीप थर-थर काँपने लगेंगे।+
16 समुंदर के सभी हाकिम* अपनी-अपनी गद्दी से उतर जाएँगे, अपने चोगे* और खूबसूरत कढ़ाईदार कपड़े उतार देंगे और थर-थर काँपेंगे।* वे ज़मीन पर बैठ जाएँगे, थर-थर काँपते रहेंगे और हैरत-भरी नज़रों से तुझे ताकेंगे।+
17 वे तेरे लिए शोकगीत गाएँगे+ और तुझसे कहेंगे,
“तू वह नगरी है जिसकी बड़ाई की जाती थी, समुंदर से लोग आकर तेरे यहाँ बसते थे,समुंदर पर तेरा और तेरे लोगों का दबदबा था,+तूने धरती के सभी लोगों में डर फैला दिया था,हाय! अब तू किस कदर नाश हो गयी है।+
18 जिस दिन तू गिरेगी उस दिन द्वीप थरथराएँगे,जब तू गायब हो जाएगी तो समुंदर के द्वीप घबरा जाएँगे।”’+
19 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैं तेरा हाल उन शहरों की तरह कर दूँगा जो सुनसान और वीरान पड़े हैं। मैं समुंदर की उफनती लहरें तुझ पर चढ़ाऊँगा और तू गहरे सागर में डूब जाएगी।+
20 मैं तुझे गड्ढे* में उतार दूँगा जैसे मैं दूसरों को उतारता हूँ, जहाँ लंबे अरसे से मरे हुए लोग हैं। मैं तुझे उन गहराइयों में फेंक दूँगा जहाँ मुद्दतों से कई जगह उजाड़ पड़ी हैं और मैं तुझे उस कब्र में डाल दूँगा जहाँ बाकी सब लोग डाले जाते हैं+ ताकि तू फिर कभी आबाद न हो। फिर मैं ज़िंदा लोगों के देश में रौनक ले आऊँगा।*
21 मैं तुझ पर अचानक कहर ढाऊँगा और तू फिर कभी नज़र नहीं आएगी।+ वे तुझे ढूँढ़ेंगे, मगर तू कहीं नहीं मिलेगी।’ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।”
कई फुटनोट
^ शा., “बेटियों।”
^ शा., “नबूकदरेस्सर।” यह एक अलग वर्तनी है।
^ या “हमला करने के अपने यंत्र।”
^ या “तलवारों।”
^ शा., “घात किए हुए लोग।”
^ या “प्रधान।”
^ या “बिन आस्तीन के चोगे।”
^ शा., “थरथराहट के कपड़े पहनेंगे।”
^ या “कब्र।”
^ या “को सजाऊँगा।”