यहेजकेल 36:1-38
36 “इंसान के बेटे, इसराएल के पहाड़ों के बारे में यह भविष्यवाणी कर: ‘इसराएल के पहाड़ो, यहोवा का संदेश सुनो।
2 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “दुश्मनों ने तुम्हारे बारे में कहा है, ‘अरे वाह! पुराने ज़माने की ऊँची-ऊँची जगह भी हमारे कब्ज़े में आ गयीं!’”’+
3 इसलिए यह भविष्यवाणी कर: ‘सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “उन्होंने तुम्हें उजाड़ दिया और हर दिशा से तुम पर हमला किया ताकि दूसरे राष्ट्रों के बचे हुए लोग तुम पर कब्ज़ा कर लें और लोग तुम्हारे बारे में झूठी बातें कहकर तुम्हें बदनाम करते रहें।+
4 इसलिए इसराएल के पहाड़ो, सारे जहान के मालिक यहोवा का संदेश सुनो! सारे जहान का मालिक यहोवा पहाड़ों और पहाड़ियों से, नदियों और घाटियों से, उजड़े हुए खंडहरों से+ और उन वीरान शहरों से बात करता है जिन्हें आस-पास के राष्ट्रों के बचे हुए लोगों ने लूटा और जिनका मज़ाक उड़ाया।+
5 इन सबसे सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘दूसरे राष्ट्रों के बचे हुए लोगों पर और पूरे एदोम पर मेरे क्रोध की आग भड़क उठेगी+ और मैं उन्हें फैसला सुनाऊँगा। उन्होंने बड़ी खुशी से और मेरे लोगों को नीचा दिखाते हुए+ मेरे देश के बारे में दावा किया है कि यह उनकी जागीर है ताकि वे इसके चराईवाले मैदान हड़प लें और इसे लूट लें।’”’+
6 इसराएल देश के बारे में भविष्यवाणी कर और पहाड़ों और पहाड़ियों से, नदियों और घाटियों से कह, ‘सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “देखो! मैं क्रोध और जलजलाहट में आकर दूसरे देशों को फैसला सुनाऊँगा क्योंकि उन्होंने तेरी बेइज़्ज़ती की है।”’+
7 इसलिए सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैं अपना हाथ ऊपर उठाता हूँ और शपथ खाकर कहता हूँ कि आस-पास के राष्ट्रों ने जिस तरह तुम्हारी बेइज़्ज़ती की है, उसी तरह उन्हें भी बेइज़्ज़त होना पड़ेगा।+
8 मगर हे इसराएल के पहाड़ो, तुम मेरी प्रजा इसराएल के लिए डालियाँ और फल पैदा करोगे+ क्योंकि वे बहुत जल्द लौट आएँगे।
9 मैं तुम्हारे साथ हूँ और एक बार फिर मैं तुम पर ध्यान दूँगा और तुम्हारी ज़मीन जोती-बोई जाएगी।
10 मैं तुम्हारे लोगों की, पूरे इसराएल के घराने की गिनती कई गुना बढ़ाऊँगा। उसके शहर फिर से आबाद किए जाएँगे+ और खंडहर दोबारा बनाए जाएँगे।+
11 हाँ, मैं तुम्हारे लोगों और मवेशियों की गिनती कई गुना बढ़ाऊँगा,+ उनकी तादाद बढ़ती जाएगी और वे खूब फलेंगे-फूलेंगे। मैं तुम्हें पहले की तरह आबाद करूँगा+ और तुम्हें पहले से ज़्यादा खुशहाली दूँगा+ और तुम्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।+
12 मैं अपनी प्रजा इसराएल के लोगों को तुम पर चलाऊँगा और वे तुम पर कब्ज़ा कर लेंगे।+ तुम उनकी विरासत बन जाओगे और फिर कभी तुम उनसे उनके बच्चे नहीं छीनोगे।’”+
13 “सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘वे तुम्हारे बारे में कहते हैं, “तुम ऐसा देश हो जो लोगों को निगल जाता है और राष्ट्रों से उनके बच्चों को छीन लेता है।”’
14 सारे जहान का मालिक यहोवा ऐलान करता है, ‘मगर अब तुम फिर कभी लोगों को नहीं खाओगे और न ही राष्ट्रों से उनके बच्चों को छीनोगे।
15 मैं तुम्हें दूसरे राष्ट्रों के हाथों अपमान झेलने के लिए उनके हवाले नहीं करूँगा और न ही तुम्हें लोगों के ताने सहने पड़ेंगे।+ और तुम फिर कभी अपने राष्ट्रों के लिए ठोकर की वजह नहीं बनोगे।’ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।”
16 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा,
17 “इंसान के बेटे, जब इसराएल के घराने के लोग अपने देश में रहते थे, तब उन्होंने अपने चालचलन और तौर-तरीकों से देश को अशुद्ध कर दिया था।+ मेरी नज़र में उनका चालचलन उतना ही अशुद्ध था जितना कि माहवारी की अशुद्धता।+
18 उन्होंने देश में खून की नदियाँ बहा दी थीं और अपनी घिनौनी मूरतों* से देश को अशुद्ध कर दिया था,+ इसलिए मैंने उन पर अपने क्रोध का प्याला उँडेला।+
19 मैंने उन्हें दूसरे राष्ट्रों में तितर-बितर कर दिया और अलग-अलग देशों में बिखरा दिया।+ मैंने उनके चालचलन और तौर-तरीकों के मुताबिक उन्हें सज़ा दी।
20 मगर जब वे दूसरे राष्ट्रों में गए तो वहाँ के लोगों ने उनके बारे में यह कहकर मेरे पवित्र नाम का अपमान किया:+ ‘ये यहोवा के लोग हैं, मगर इन्हें उसका देश छोड़ना पड़ा।’
21 इसराएल का घराना जब दूसरे राष्ट्रों में गया तो उसने मेरे पवित्र नाम का अपमान किया, इसलिए अब मैं दिखाऊँगा कि मैं अपने पवित्र नाम की कितनी फिक्र करता हूँ।”+
22 “इसलिए इसराएल के घराने से कहना, ‘सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “हे इसराएल के घराने के लोगो, मैं तुम्हारी खातिर नहीं बल्कि अपने पवित्र नाम की खातिर कदम उठानेवाला हूँ जिसका तुमने दूसरे राष्ट्रों के बीच अपमान किया है।”’+
23 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैं अपने महान नाम को ज़रूर पवित्र करूँगा,+ जिसका तुमने दूसरे राष्ट्रों के बीच अपमान किया था। जब दूसरे राष्ट्रों के देखते मैं तुम्हारे बीच पवित्र ठहरूँगा तो उन्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।+
24 मैं तुम्हें अलग-अलग राष्ट्रों से लूँगा, सब देशों से इकट्ठा करूँगा और वापस तुम्हारे देश में ले आऊँगा।+
25 मैं तुम पर शुद्ध पानी छिड़कूँगा और तुम शुद्ध हो जाओगे।+ मैं तुम्हारी सारी अशुद्धता और तुम्हारी घिनौनी मूरतों+ की अशुद्धता दूर करके तुम्हें शुद्ध कर दूँगा।+
26 मैं तुम्हें एक नया दिल दूँगा+ और तुम्हारे अंदर एक नया रुझान पैदा करूँगा।+ तुम्हारा दिल जो पत्थर जैसा सख्त हो गया था,+ उसके बदले मैं तुम्हें एक ऐसा दिल दूँगा जो कोमल होगा।*
27 मैं अपनी पवित्र शक्ति से तुम्हारी सोच बदल दूँगा और तब तुम मेरे कायदे-कानूनों को मानोगे+ और मेरे न्याय-सिद्धांतों का पालन किया करोगे।
28 फिर तुम उस देश में रह पाओगे जो मैंने तुम्हारे पुरखों को दिया था। तुम मेरे लोग होगे और मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊँगा।’+
29 ‘मैं तुम्हारी सारी अशुद्धता दूर करके तुम्हें बचाऊँगा, अनाज को अच्छी पैदावार देने का हुक्म दूँगा और तुम पर अकाल नहीं लाऊँगा।+
30 मैं पेड़ों के फल और खेतों की उपज खूब बढ़ाऊँगा ताकि तुम्हें फिर कभी अकाल की वजह से राष्ट्रों के बीच बेइज़्ज़त न होना पड़े।+
31 उस वक्त तुम याद करोगे कि तुमने कैसे दुष्ट काम किए थे और तुम्हारे काम अच्छे नहीं थे और तब अपने पाप के दोष की वजह से और उन घिनौने कामों की वजह से तुम्हें खुद से घिन हो जाएगी।+
32 मगर तुम यह बात जान लो, मैं यह सब तुम्हारी खातिर नहीं कर रहा हूँ।+ हे इसराएल के घराने, अपने चालचलन की वजह से शर्मिंदा महसूस कर, अपमान सह।’ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।
33 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘जिस दिन मैं तुम्हारे सभी पापों का दोष मिटाकर तुम्हें शुद्ध करूँगा, उस दिन मैं शहरों को फिर से आबाद करूँगा+ और खंडहरों को दोबारा बनाऊँगा।+
34 वह देश जो सब आने-जानेवालों के सामने उजाड़ पड़ा है उसकी ज़मीन पर खेती की जाएगी।
35 और लोग कहेंगे, “यह देश जो कभी उजाड़ पड़ा था, अब अदन के बाग+ जैसा बन गया है। इसके शहरों को तहस-नहस करके खंडहर बना दिया गया था, मगर अब वे किलेबंद शहर बन गए हैं और लोगों से आबाद हैं।”+
36 तब तुम्हारे आस-पास बचे हुए राष्ट्रों को जानना होगा कि जिसे ढा दिया गया था उसे मुझ यहोवा ने ही बनाया है और जो ज़मीन उजाड़ पड़ी थी वहाँ मैंने ही पेड़ लगाए हैं। मुझ यहोवा ने यह बात कही है और मैंने ही इसे पूरा किया है।’+
37 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैं इसराएल के घराने को यह बिनती करने दूँगा कि मैं उन्हें भेड़-बकरियों के एक झुंड की तरह कई गुना बढ़ा दूँ।
38 जैसे पवित्र लोगों की भीड़ होती है और यरूशलेम में त्योहार के वक्त+ जानवरों का बड़ा झुंड होता है* उसी तरह ये शहर जो अब खंडहर हैं, लोगों के झुंड से भर जाएँगे।+ तब उन्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।’”
कई फुटनोट
^ इनका इब्रानी शब्द शायद “मल” के लिए इस्तेमाल होनेवाले शब्द से संबंध रखता है और यह बताने के लिए इस्तेमाल होता है कि किसी चीज़ से कितनी घिन की जा रही है।
^ यानी ऐसा दिल जो परमेश्वर का मार्गदर्शन मानने को तैयार होगा।
^ या शायद, “जैसे त्योहार के वक्त यरूशलेम में बलि के लिए भेड़ों का झुंड होता है।”