सवाल 16
आप चिंताओं का सामना कैसे कर सकते हैं?
“अपना सारा बोझ यहोवा पर डाल दे, वह तुझे सँभालेगा। वह नेक जन को कभी गिरने नहीं देगा।”
“मेहनती की योजनाएँ ज़रूर सफल होंगी, लेकिन जल्दबाज़ी करनेवाले पर गरीबी छा जाएगी।”
“डर मत क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, घबरा मत क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूँ। मैं तेरी हिम्मत बँधाऊँगा, तेरी मदद करूँगा, नेकी के दाएँ हाथ से तुझे सँभाले रहूँगा।”
“तुममें ऐसा कौन है जो चिंता करके एक पल के लिए भी अपनी ज़िंदगी बढ़ा सके?”
“इसलिए अगले दिन की चिंता कभी न करना क्योंकि अगले दिन की अपनी ही चिंताएँ होंगी। आज के लिए आज की परेशानियाँ काफी हैं।”
‘पहचानो कि ज़्यादा अहमियत रखनेवाली बातें क्या हैं।’
“किसी भी बात को लेकर चिंता मत करो, मगर हर बात के बारे में प्रार्थना और मिन्नतों और धन्यवाद के साथ परमेश्वर से बिनतियाँ करो। तब परमेश्वर की वह शांति जो समझ से परे है, मसीह यीशु के ज़रिए तुम्हारे दिल की और तुम्हारे दिमाग के सोचने की ताकत की हिफाज़त करेगी।”