15-21 फरवरी
नहेमायाह 9-11
गीत 25 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यहोवा के वफादार सेवक उपासना के इंतज़ामों का साथ देते हैं”: (10 मि.)
नहे 10:28-30—उन्होंने “इस देश के लोगों” यानी दूसरी जातियों के लोगों से शादी-ब्याह न करने का फैसला किया (प्रहरीदुर्ग 98 10/15 पेज 21 पैरा. 11)
नहे 10:32-39—उन्होंने सच्ची उपासना का हर तरह से साथ देने की ठान ली (प्रहरीदुर्ग 98 10/15 पेज 21 पैरा. 11-12)
नहे 11:1, 2—उन्होंने उपासना से जुड़े एक खास इंतज़ाम का खुशी-खुशी साथ दिया (प्रहरीदुर्ग 06 2/1 पेज 11 पैरा. 6; प्रहरीदुर्ग 98 10/15 पेज 22 पैरा. 13)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
नहे 9:19-21—यहोवा ने कैसे साबित किया है कि वह अपने लोगों की सभी ज़रूरतें पूरी करता है? (प्रहरीदुर्ग 13 9/15 पेज 9 पैरा. 9-10)
नहे 9:6-38—प्रार्थना के सिलसिले में लेवियों ने किस तरह हमारे लिए एक बढ़िया मिसाल रखी? (प्रहरीदुर्ग 13 10/15 पेज 22-23 पैरा. 6-7)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनसे यहोवा के बारे में मैंने क्या सीखा?
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनमें से कौन-सी बातें मैं प्रचार करते वक्त ध्यान में रख सकता हूँ?
पढ़ने के लिए आयतें: नहे 11:15-36 (4 मि. या उससे कम)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) क्या दुख-तकलीफें कभी खत्म होंगी? ट्रैक्ट के आखिरी पेज में दी जानकारी का इस्तेमाल करके ट्रैक्ट पेश कीजिए। इस तरह बातचीत कीजिए कि आप उस व्यक्ति से दोबारा मिल सकें।
अगली मुलाकात: (4 मि. या उससे कम) एक प्रदर्शन में बताइए कि अगर किसी ने क्या दुख-तकलीफें कभी खत्म होंगी? ट्रैक्ट के आखिरी पेज पर दी जानकारी में दिलचस्पी ली थी, तो हम उससे अगली मुलाकात कैसे कर सकते हैं। अपनी बातचीत इस तरह आगे बढ़ाइए कि आप उससे दोबारा मिल सकें।
बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) एक प्रदर्शन में बताइए कि बाइबल अध्ययन कैसे किया जा सकता है। (बाइबल सिखाती है पेज 32-33 पैरा. 13-14)
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 19
“सबसे अच्छी ज़िंदगी”: (15 मि.) चर्चा। सबसे पहले यह वीडियो दिखाइए। फिर सवालों पर चर्चा कीजिए। एक शादीशुदा या अविवाहित प्रचारक का छोटा-सा इंटरव्यू लीजिए, जिसने अपने कुँवारेपन के दौरान परमेश्वर की सेवा में भरसक किया। (1कुर 7:35) ऐसा करने से उसे क्या आशीषें मिलीं?
मंडली का बाइबल अध्ययन: गवाही दो अध्या. 25 पैरा. 14-21 (30 मि.)
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 17 और प्रार्थना