21-27 मार्च
अय्यूब 6-10
गीत 38 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“वफादार अय्यूब ने अपना दुख-दर्द ज़ाहिर किया”: (10 मि.)
अय 6:1-3, 9, 10, 26; 7:11, 16—गहरी निराशा में डूबे हुए लोग कई बार जो बात कह देते हैं, उनके कहने का वह मतलब नहीं होता (प्रहरीदुर्ग 13 8/15 पेज 19 पैरा. 7; प्रहरीदुर्ग 13 5/15 पेज 22 पैरा. 13)
अय 9:20-22—अय्यूब को यह गलतफहमी हो गयी थी कि परमेश्वर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह उसका वफादार रहता है या नहीं (प्रहरीदुर्ग 15 10/1 पेज 10 पैरा. 2; प्रहरीदुर्ग 86 5/1 पेज 29 पैरा. 10-12)
अय 10:12—अय्यूब ने मुश्किलों के दौरान भी परमेश्वर की बढ़ाई की (प्रहरीदुर्ग 09 4/15 पेज 7 पैरा. 18; प्रहरीदुर्ग 09 4/15 पेज 10 पैरा. 13)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
अय 6:14—अय्यूब ने पड़ोसी से प्यार करने की अहमियत के बारे में क्या बताया? (प्रहरीदुर्ग 10 11/15 पेज 32 पैरा. 20)
अय 7:9, 10; 10:21—अगर अय्यूब को विश्वास था कि भविष्य में परमेश्वर लोगों को दोबारा जी उठाएगा, तो उसने यह बात क्यों कही जो इन आयतों में दर्ज़ है? (प्रहरीदुर्ग 06 3/15 पेज 14 पैरा. 10)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनसे यहोवा के बारे में मैंने क्या सीखा?
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनमें से कौन-सी बातें मैं प्रचार करते वक्त ध्यान में रख सकता हूँ?
पढ़ने के लिए आयतें: अय 9:1-21 (4 मि. या उससे कम)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: परमेश्वर का राज क्या है? (दूसरा प्रदर्शन दिखाइए)—दान देने के इंतज़ाम का ज़िक्र कीजिए। (2 मि. या उससे कम)
अगली मुलाकात: परमेश्वर का राज क्या है? (दूसरा प्रदर्शन दिखाइए)—अपनी बातचीत इस तरह आगे बढ़ाइए कि आप उससे दोबारा मिल सकें। (4 मि. या उससे कम)
बाइबल अध्ययन: खुशखबरी पाठ 2 पैरा. 6-8 (6 मि. या उससे कम)
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 37
दूसरों को तसल्ली देते वक्त समझदारी से काम लीजिए: (15 मि.) चर्चा। वह वीडियो दिखाइए जो प्राचीनों ने हाल ही में राज-सेवा स्कूल में देखा था। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए कि जब एक व्यक्ति ने अपने अज़ीज़ को खोने का दुख ज़ाहिर किया, तो दोनों भाइयों ने कैसे उसकी हिम्मत बँधायी।
मंडली का बाइबल अध्ययन: गवाही दो अध्या. 27 पैरा. 10-18 (30 मि.)
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 43 और प्रार्थना