5-11 मार्च
मत्ती 20-21
गीत 153 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“तुममें जो बड़ा बनना चाहता है, उसे तुम्हारा सेवक होना चाहिए”: (10 मि.)
मत 20:3—घमंडी शास्त्रियों और फरीसियों को “बाज़ार के चौक में” लोगों से नमस्कार सुनना और सम्मान पाना अच्छा लगता था (“बाज़ार” अ.बाइ. मत 20:3 तसवीर)
मत 20:20, 21—दो प्रेषितों ने यीशु से ऊँचा पद माँगा (“जब्दी की पत्नी,” “एक तेरे दाएँ और दूसरा तेरे बाएँ” अ.बाइ. मत 20:20, 21 अध्ययन नोट)
मत 20:25-28—यीशु ने अपने चेलों को समझाया कि उन्हें नम्रता से लोगों की सेवा करनी चाहिए (“सेवक” अ.बाइ. मत 20:26, 28 अध्ययन नोट)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
मत 21:9—भीड़ के लोग यह पुकार क्यों लगा रहे थे, “हम बिनती करते हैं, दाविद के वंशज को बचा ले”? (“हम बिनती करते हैं . . . बचा ले,” “दाविद के वंशज” अ.बाइ. मत 21:9 अध्ययन नोट)
मत 21:18, 19—यीशु ने अंजीर के पेड़ को क्यों शाप दिया कि वह सूख जाए? (जीज़स द वे पेज 244 पै 4-6)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) मत 20:1-19
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात का वीडियो: (4 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
दूसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।
बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) परमेश्वर का प्यार पेज 42 पै 3-4
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 31
मंडली की ज़रूरतें: (5 मि.)
संगठन को मिली कामयाबी: (10 मि.) मार्च महीने के लिए वीडियो संगठन को मिली कामयाबी दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 2 पै 13-23 और “मनन के लिए सवाल”
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 17 और प्रार्थना