ओ मेरी जान
1. तू वही,
मेरे लिए बनी।
मेरी जाँ,
मेरी है साथी।
जो खूबियाँ तेरी,
देखूँ तो दिल मेरा
यकीं करे,
होगा जीवन खुशाल।
निभाती तू वफा,
करती कदर मेरी।
इन बातों से मेरे,
भर आए प्यार दिल में।
(कोरस)
हो संग तो हम हैं डटे,
है संग ही रहना हमें।
याह की मेहर ही से, अपना प्यार बढ़े
ओ मेरी जाँ।
2. तू ही है मेरा,
जाने तू दिल मेरा।
और मिलके हम,
करते याह की सेवा।
हाँ है एहसास मुझे,
करता कितना तू प्यार।
है तू मेरा सनम,
तुझपे मुझे है नाज़।
(कोरस)
हो संग तो हम हैं डटे,
है संग ही रहना हमें।
याह की मेहर ही से, अपना प्यार बढ़े
ओ मेरी जाँ।
हो संग तो हम हैं डटे,
है संग ही रहना हमें।
याह की मेहर ही से, अपना प्यार बढ़े
ओ मेरी जाँ।
ओ मेरी जाँ।
ओ जाँ।