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जब दुनिया होगी नयी

जब दुनिया होगी नयी
  1. 1. बेटे रुको और ज़रा सोचो,

    इस जहाँ में ना गम और आँसू कहीं,

    कैसा होगा वो पल?

    बड़ी सुंदर दिखेगी ये धरती,

    करें मिल के काम सब खुशी से,

    चले याह की राह पे, ना बैर ना डर,

    कोई जुदा ना हो फिर।

    करेगा याह का बेटा राज हम पे,

    बरसाएगा प्यार,

    फिर ना हो कोई कमी,

    दुनिया होगी नयी।

    (कोरस)

    आशा है जलता दीया,

    संजो के दिल में रखना सदा,

    जोश ऐसा भर दे ना हारें हम

    दिन वो दूर नहीं, जब,

    दुनिया होगी नयी।

  2. 2. बेटे रुको और ज़रा सोचो,

    उन पहाड़ों के बीच है, इक प्यारा-सा घर,

    है वो घर तुम्हारा।

    कोई आ रहा करीब तुम्हारे,

    तुमसे मिलने को बेताब,

    देखा चेहरा बरसों बाद जैसे,

    मिल के रोते हो तुम।

    करेगी मौत फिर किसी को जुदा ना,

    दुश्‍मन जाए हार,

    होगी जीत याह की;

    दुनिया होगी नयी।

    (कोरस)

    आशा है जलता दीया,

    संजो के दिल में रखना सदा,

    जोश ऐसा भर दे ना हारें हम

    दिन वो दूर नहीं, जब,

    दुनिया होगी नयी।

    (खास पंक्‍तियाँ)

    कहा याह ने जो भी,

    उसका हर वचन पूरा होगा।

    और मकसद याह का है ये,

    सब जीवों की इच्छा कर दे पूरी।

    (कोरस)

    आशा है जलता दीया,

    संजो के दिल में रखना सदा,

    जोश ऐसा भर दे ना हारें हम

    दिन वो दूर नहीं, जब,

    दुनिया होगी नयी।

    दुनिया होगी नयी।

    दुनिया होगी नयी।

    दुनिया होगी नयी।