झुकेंगे ना
1. सुनी जब मैंने पुकार याह की,
तब से बढ़ा प्यार मेरा उसके लिए।
मैं जानूँ खींचे ज़माना मुझे
पर सौंपूँ मैं जीवन हाथों में याह के।
(प्री-कोरस)
सच पे रखूँ ध्यान,
सही करूँ, है अरमान।
(कोरस)
तो बढ़ाऊँगा मैं विश्वास इस कदर
कि छोड़ूँगा ना याह का हाथ।
मज़बूती पाऊँ वचन से याह के,
यूँ हिम्मत मैं हारूँगा ना।
मैं करूँगा वफा, झुकूँगा ना।
2. सो विश्वास की नींव डालें कहाँ,
चुनें चट्टान तो तूफाँ भी है क्या?
कहे दुन्-या, ‘जैसी मरज़ी जी ले’
ऐसी झूठी बातों को ठुकराएँगे।
(प्री-कोरस)
हकीकत यही,
याह लाए राज जल्द ही।
(कोरस)
तो बढ़ाएँगे हम विश्वास इस कदर
कि छोड़ेंगे ना याह का हाथ।
मज़बूती पाएँ वचन से याह के,
यूँ हिम्मत हम हारेंगे ना।
हम करेंगे वफा, झुकेंगे ना।
(कोरस)
तो बढ़ाएँगे हम विश्वास इस कदर
कि छोड़ेंगे ना याह का हाथ।
मज़बूती पाएँ वचन से याह के,
यूँ हिम्मत हम हारेंगे ना।
हम करेंगे वफा, झुकेंगे ना।
झुकेंगे ना।
झुकेंगे ना।