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भूल ना दोहरा

भूल ना दोहरा
  1. 1. इस जहाँ में गलतियाँ,

    हम सब से हैं होती;

    ना की हो खता,

    ऐसा नहीं यहाँ कोई।

    हुई तुझसे भी भूल,

    पर ना दे खुद को सज़ा;

    लौट आ फिर तू याह के पास,

    बाहें फैलाए वो तो है खड़ा।

    (कोरस)

    अब से मान याह की बात,

    गलतियाँ ना कर याद।

    कर सलाह तू कबूल,

    तू ना कर फिर वो भूल।

    जाने याह, हम हैं धूल,

    हो जाती हैं हमसे भूल।

    और रखना ऐतबार

    माफ करने वो है तैयार।

    बस तू भूल ना दोहरा।

  2. 2. इक और नया सवेरा,

    पर है दिल में अँधेरा।

    नामुमकिन है भुलाना

    उन बीते लमहों को।

    सुन लेता है मेरी,

    दबी आहें यहोवा।

    वचन उसका मरहम-सा;

    दिखाए राह, सवारे ज़िंदगी।

    (कोरस)

    अब से मान याह की बात,

    गलतियाँ ना कर याद।

    कर सलाह तू कबूल,

    तू ना कर फिर वो भूल।

    जाने याह, हम हैं धूल,

    हो जाती हैं हमसे भूल।

    और रखना ऐतबार

    माफ करने वो है तैयार।

    (खास पंक्‍तियाँ)

    है यहोवा तुझसे कहता,

    “तू ना डर, मेरे करीब आ।”

    हमारे दिल से है बड़ा

    याह का ये प्यार।

    भूल ना दोहरा।

    (कोरस)

    अब से मान याह की बात,

    गलतियाँ ना कर याद।

    कर सलाह तू कबूल,

    तू ना कर फिर वो भूल।

    जाने याह, हम हैं धूल,

    हो जाती हैं हमसे भूल।

    और रखना ऐतबार

    माफ करने वो है तैयार।

    बस तू भूल ना दोहरा।

    अब तू भूल ना दोहरा।