एस्तेर थी दिलेर
1. एस्तेर नन्ही थी तब से
मदद करती घर में।
मोर्दकै से वो सीखी थी
यहोवा की बातें।
वो रानी बन गयी,
तब भी याह को ना भूली,
याह का कहना मानती रही;
खूब सीखूँ उससे
(कोरस)
मैं बनूँ एस्तेर जैसी,
वो निडर थी और प्यारी।
यहोवा के संग चली वो,
मैं चलूँ वैसे ही।
मानूँ मैं हर बात याह की;
रखूँ मैं विश्वास उस पे।
एस्तेर के जैसे ही,
बनूँ मैं भी दिलेर।
2. पति उसका था राजा।
वो दोस्त ना था याह का।
पर एस्तेर रही अधीन,
पति का दिल जीता।
जब मौका था मिला
बचाने याह के लोगों को,
एस्तेर डरी पर ना रुकी;
खूब सीखूँ उससे
(कोरस)
मैं बनूँ एस्तेर जैसी,
वो निडर थी और प्यारी।
यहोवा के संग चली वो,
मैं चलूँ वैसे ही।
मानूँ मैं हर बात याह की;
रखूँ मैं विश्वास उस पे।
एस्तेर के जैसे ही,
बनूँ मैं भी दिलेर।